भारत में ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को बड़ा झटका लग सकता है। टीम इंडिया की मुख्य स्पॉन्सर ड्रीम-11, रमी और पोकर जैसे फैंटेसी व मनी बेस्ड गेम्स पर बैन लग सकता है। 20 अगस्त को लोकसभा ने प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 पास कर दिया। अब अगर यह बिल राज्यसभा से भी पारित हो गया, तो देशभर में सभी रियल-मनी गेम्स पूरी तरह बंद हो जाएंगे।
बिल में क्या है खास
-
रियल-मनी गेम्स पर रोक: किसी भी गेम में पैसे लगाना, चलाना या उसका प्रचार करना गैरकानूनी होगा।
-
कड़ी सजा और जुर्माना: नियम तोड़ने पर 3 साल तक की जेल और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना। विज्ञापनदाताओं को 2 साल की जेल व 50 लाख रुपये तक का दंड हो सकता है।
-
रेगुलेटरी अथॉरिटी: एक नई संस्था बनेगी, जो तय करेगी कि कौन सा गेम मनी-बेस्ड है और कौन सा नहीं।
-
ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा: PUBG, Free Fire जैसे बिना पैसों वाले गेम्स और ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा मिलेगा।
सरकार क्यों लाई बैन की नीति?
सरकार का तर्क है कि मनी बेस्ड ऑनलाइन गेमिंग ने लाखों लोगों को आर्थिक और मानसिक नुकसान पहुँचाया है।
-
लोग अपनी जमा-पूंजी तक हार बैठे।
-
कई केस आत्महत्या तक पहुँच गए।
-
मनी लॉन्ड्रिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी खतरा बताया गया है।
इंडस्ट्री पर असर
-
भारत का ऑनलाइन गेमिंग मार्केट फिलहाल 32,000 करोड़ रुपये का है।
-
इसमें से 86% रेवेन्यू रियल-मनी गेम्स से आता है।
-
इंडस्ट्री का अनुमान था कि 2029 तक यह बाजार 80,000 करोड़ तक पहुँच सकता था।
-
बैन के बाद ड्रीम-11, गेम्स24×7, विन्जो, गेम्सक्राफ्ट जैसी बड़ी कंपनियां बुरी तरह प्रभावित होंगी।
-
लगभग 2 लाख नौकरियों पर खतरा और सरकार को करोड़ों का टैक्स नुकसान हो सकता है।
कंपनियों और संगठनों की आपत्ति
ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (AIGF), ई-गेमिंग फेडरेशन (EGF) और FIFS जैसे संगठन इस बिल का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है—
“पूरी तरह बैन करने से खिलाड़ी अवैध और विदेशी प्लेटफॉर्म्स की ओर जाएंगे, जहाँ कोई सुरक्षा और टैक्स रेगुलेशन नहीं है।”
छूट किन गेम्स को?
-
फ्री-टू-प्ले और सब्सक्रिप्शन बेस्ड गेम्स पर रोक नहीं होगी।
-
ई-स्पोर्ट्स और नॉन-मॉनेटरी स्किल गेम्स को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
आगे क्या?
-
पहले सरकार ने इन गेम्स पर 28% GST और 30% टैक्स लगाया था।
-
लेकिन अब दिशा पूरी तरह बदल गई है—सीधे बैन की ओर।
-
इंडस्ट्री इसे संविधान के खिलाफ मानते हुए कोर्ट जाने की तैयारी में है।
आम खिलाड़ियों पर असर
भारत में करीब 50 करोड़ लोग ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े हैं।
अगर बैन लागू होता है, तो—
-
वे रेगुलेटेड प्लेटफॉर्म्स से वंचित हो जाएंगे।
-
अवैध साइट्स का खतरा बढ़ जाएगा।
-
धोखाधड़ी, डेटा चोरी और लत के मामले और तेजी से सामने आ सकते हैं।