बाइक टैक्सी सर्विस देने वाली कंपनी रैपिडो (Rapido) पर उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने कड़ी कार्रवाई की है। बुधवार को CCPA ने कंपनी को भ्रामक विज्ञापन चलाने का दोषी मानते हुए ₹10 लाख का जुर्माना लगाया। साथ ही, कंपनी को आदेश दिया गया है कि वह अपने ग्राहकों को पैसा लौटाए और विवादित विज्ञापन तुरंत हटाए।
क्या था रैपिडो का विज्ञापन?
रैपिडो ने लंबे समय तक यह दावा किया कि उनकी सर्विस में “5 मिनट में ऑटो या ₹50 कैशबैक” मिलेगा। कंपनी ने करीब 548 दिनों तक, 120 शहरों में अलग-अलग भाषाओं में ऐसे विज्ञापन चलाए। लेकिन हकीकत में न तो यह सुविधा हर जगह उपलब्ध थी और न ही ग्राहकों को सीधे कैशबैक मिला।
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कंपनी ने कैशबैक के नाम पर “Rapido Coins” दिए,
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जिन्हें केवल बाइक राइड्स पर खर्च किया जा सकता था,
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उनकी वैधता सिर्फ 7 दिन थी और कई शर्तें जुड़ी हुई थीं।
CCPA के मुताबिक, यह सब ग्राहकों को बार-बार ऐप इस्तेमाल करने के लिए मजबूर करने वाली अनुचित व्यापारिक प्रैक्टिस (Unfair Trade Practice) थी।
शिकायतों की बाढ़
अप्रैल 2023 से मई 2024 तक रैपिडो के खिलाफ 575 शिकायतें दर्ज हुईं, जबकि जून 2024 से जुलाई 2025 के बीच यह संख्या बढ़कर 1,224 पहुंच गई।
मुख्य शिकायतें थीं:
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रिफंड में देरी
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कैशबैक न मिलना
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ज्यादा पैसे वसूलना
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ड्राइवरों का गलत व्यवहार
CCPA का आदेश
CCPA ने माना कि रैपिडो ने विज्ञापनों में “कमिशन और ओमिशन” दोनों की गलती की। यानी—
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कमिशन (Commission): बढ़ा-चढ़ाकर झूठे दावे करना
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ओमिशन (Omission): जरूरी जानकारी छुपाना
अब कंपनी को 15 दिनों के अंदर यह बताना होगा कि उसने आदेश का पालन कैसे किया।
यूज़र्स के लिए क्या विकल्प?
अगर किसी उपभोक्ता को रैपिडो के विज्ञापनों या सेवाओं से नुकसान हुआ है, तो वह सीधे CCPA या स्थानीय कंज्यूमर फोरम में शिकायत दर्ज कर सकता है।
साथ ही, CCPA ने सलाह दी है कि किसी भी ऐप या सर्विस का इस्तेमाल करने से पहले उनके ऑफ़र्स की शर्तें (T&C) ध्यान से पढ़ें।
सीधी बात: रैपिडो के “5 मिनट ऑटो या ₹50 कैशबैक” जैसे वादे ग्राहकों के भरोसे के साथ खिलवाड़ निकले। अब कंपनी पर जुर्माना लग चुका है और उसे रिफंड भी करना होगा।