महिला एथलीट्स के बाद अब बॉक्सिंग में भी जेंडर टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है। वर्ल्ड बॉक्सिंग ने गुरुवार को घोषणा की कि 4 से 14 सितंबर के बीच इंग्लैंड में होने वाली वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप से यह नियम लागू होगा।
कैसे होगा टेस्ट?
-
खिलाड़ियों का परीक्षण पॉलिमरेज चेन रिएक्शन (PCR) टेस्ट या इसी तरह के जेनेटिक स्क्रीनिंग के जरिए होगा।
-
इसका मकसद जन्म के समय निर्धारित लिंग की पुष्टि करना है।
-
टेस्ट में Y क्रोमोसोम की उपस्थिति या अनुपस्थिति जांची जाएगी।
वर्ल्ड बॉक्सिंग का बयान
संघ के अध्यक्ष बोरिस वान डेर वोर्स्ट ने कहा –
“हम हर खिलाड़ी की गरिमा का सम्मान करते हैं और खेल को समावेशी बनाना चाहते हैं। लेकिन बॉक्सिंग जैसे कॉन्टैक्ट स्पोर्ट में सुरक्षा और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है।”
एथलेटिक्स में पहले ही लागू हो चुका नियम
-
30 जुलाई को वर्ल्ड एथलेटिक्स काउंसिल ने महिला खिलाड़ियों के लिए जेंडर टेस्ट अनिवार्य कर दिया था।
-
यह नियम 1 सितंबर 2025 से प्रभावी होगा।
-
13 सितंबर से टोक्यो में शुरू हो रही वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में बिना टेस्ट पास किए कोई भी महिला एथलीट भाग नहीं ले पाएगी।
बॉक्सिंग में जेंडर टेस्ट से जुड़े विवाद
-
अल्जीरिया की इमान खलीफ – जून 2025 में नीदरलैंड टूर्नामेंट से हट गई थीं, जब जेंडर टेस्ट का ऐलान हुआ।
-
ताइवान की लिन यू टिंग – पेरिस ओलिंपिक 2024 में 66 किग्रा वर्ग में गोल्ड जीता था, लेकिन 2023 में जेंडर टेस्ट में फेल होने पर बैन झेलना पड़ा।
इन दोनों मुक्केबाजों को भारत में 2023 वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फाइनल से भी बाहर कर दिया गया था।
पेरिस ओलिंपिक में भी हुआ था विवाद
2024 ओलिंपिक में अल्जीरियाई बॉक्सर इमान खलीफ पर पुरुष होने के आरोप लगे थे। उनकी प्रतिद्वंद्वी ने तो यहां तक कहा कि,
“मुझे महिलाओं के बजाय पुरुष से लड़ाया गया है।”
इस घटना ने खेल जगत में बड़ी बहस छेड़ दी थी।
साफ है कि अब बॉक्सिंग में भी जेंडर टेस्ट पास करना ही महिला खिलाड़ियों के लिए अनिवार्य शर्त होगी।