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कुल चर्चा समय: 120 घंटे तय थे, लेकिन सिर्फ़ 37 घंटे ही चर्चा हो पाई।
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विधेयक: लोकसभा में 12 और राज्यसभा में 14 बिल पास हुए।
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हंगामा और बायकॉट: ज़्यादातर दिन विपक्ष ने बिहार SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) और वोट चोरी के मुद्दे पर हंगामा किया।
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लोकसभा स्पीकर ओम बिरला: 419 सवालों में सिर्फ़ 55 का ही जवाब दिया गया।
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मुख्य घटनाएँ:
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21 जुलाई: सत्र शुरू, ऑपरेशन सिंदूर पर बहस।
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25 जुलाई: राहुल-प्रियंका ने संसद गेट पर SIR पोस्टर फाड़े।
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29 जुलाई: मोदी बोले- दुनिया ने भारत को रोकने की कोशिश नहीं की; राहुल बोले- PM ट्रम्प को झूठा कहें।
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5 अगस्त: राज्यसभा में CISF कमांडो बुलाने पर बवाल।
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12 अगस्त: विपक्ष ने लोकसभा में कागज़ फाड़े।
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20 अगस्त: अमित शाह पर कागज़ के गोले फेंके गए।
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21 अगस्त: आखिरी दिन—लगातार हंगामे के बीच दोनों सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित।
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कुल मिलाकर, सत्र में ज्यादा राजनीति, कम काम हुआ।
बिल पास तो हुए, पर बहस और सवाल-जवाब लगभग ठप रहे।