BCCI का सख्त फरमान: दलीप ट्रॉफी में इंटरनेशनल स्टार्स की अनिवार्य एंट्री

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साउथ जोन की टीम में सिराज-राहुल जैसे नाम नहीं, बोर्ड ने लिखा पत्र

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने दलीप ट्रॉफी की प्रतिष्ठा बढ़ाने और उसे प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के लिए बड़ा कदम उठाया है।
अब सभी सेंट्रली-कॉन्ट्रैक्टेड और उपलब्ध इंटरनेशनल क्रिकेटर्स का घरेलू टूर्नामेंटों में खेलना जरूरी होगा।


BCCI का आदेश

BCCI के जनरल मैनेजर (क्रिकेट ऑपरेशंस) अभय कुरुविला ने सभी राज्य संघों को ईमेल भेजकर कहा:

“दलीप ट्रॉफी की गरिमा बरकरार रखने के लिए हर उपलब्ध भारतीय खिलाड़ी को जोनल टीमों में शामिल करना अनिवार्य है। चयनकर्ता यह सुनिश्चित करें कि कोई भी योग्य खिलाड़ी छूट न पाए।”


विवाद की जड़: साउथ जोन की टीम

  • 27 जुलाई को साउथ जोन ने अपनी टीम का ऐलान किया था।

  • कप्तान: तिलक वर्मा

  • लेकिन टीम में केएल राहुल, मोहम्मद सिराज, वाशिंगटन सुंदर, प्रसिद्ध कृष्णा और साई सुदर्शन जैसे बड़े नाम शामिल नहीं किए गए।

  • तब तक BCCI का निर्देश नहीं आया था, अब देखना होगा कि टीम बदली जाएगी या नहीं।


नियम पहले भी बने थे

  • 2023 में भी BCCI ने साफ कर दिया था कि IPL खेलने वाले खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट भी खेलना होगा

  • जनवरी 2024 में ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज़ के बाद भी इस नियम को दोहराया गया।

  • मकसद: खिलाड़ियों को सिर्फ फ्रेंचाइज़ी क्रिकेट तक सीमित होने से रोकना।


⚖️ स्टेट एसोसिएशन की दलील

कुछ संघों का मानना है कि –

  • दलीप/देवधर ट्रॉफी में इंटरनेशनल खिलाड़ियों की एंट्री से रणजी के स्टार्स को मौका नहीं मिलता

  • जबकि उनका मानना है कि इंटरनेशनल खिलाड़ी इंडिया-ए या बोर्ड प्रेसिडेंट XI के लिए बेहतर फिट रहते हैं।

  • वरना घरेलू खिलाड़ियों का हौसला टूटता है


इस बार कौन-कौन खेलेगा?

  • शुभमन गिल (टेस्ट कप्तान)

  • यशस्वी जायसवाल

  • कुलदीप यादव

  • आकाश दीप

  • मोहम्मद शमी

  • अर्शदीप सिंह

  • श्रेयस अय्यर
    ये सभी अपने-अपने जोनल टीमों के लिए दलीप ट्रॉफी में उतरेंगे।


BCCI के नियम साफ

  • सभी खिलाड़ी (कॉन्ट्रैक्टेड या नॉन-कॉन्ट्रैक्टेड), जो टीम इंडिया चयन के लिए उपलब्ध हैं, उन्हें घरेलू क्रिकेट खेलना होगा।

  • अगर बिना ठोस वजह के कोई खिलाड़ी अनुपस्थित रहता है, तो उसका नेशनल सेलेक्शन रोक दिया जाएगा

  • केवल राष्ट्रीय कोच और चयन समिति प्रमुख की अनुमति से ही छुट्टी दी जा सकती है।


निष्कर्ष:
BCCI का यह सख्त कदम घरेलू टूर्नामेंट्स को फिर से प्रासंगिक बनाने और उन्हें इंटरनेशनल क्वालिटी का बनाने की कोशिश है।
अब देखना होगा कि खिलाड़ी और राज्य संघ इस आदेश पर किस तरह प्रतिक्रिया देते हैं।

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