वाशिंगटन: माइक्रोसॉफ्ट के हेडक्वार्टर में शुक्रवार को प्रदर्शन के दौरान 18 लोग गिरफ्तार किए गए। ये प्रदर्शनकारी नो अजूर फॉर अपार्थाइड ग्रुप से जुड़े थे और माइक्रोसॉफ्ट की इजराइल के साथ क्लाउड कॉन्ट्रैक्ट के खिलाफ विरोध कर रहे थे।
प्रदर्शन की स्थिति
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प्रदर्शनकारियों ने कंपनी के लोगो पर लाल रंग छिड़का और नारे लगाए।
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जब प्रोटेस्ट करने वाले ऑफिस छोड़ने से इनकार कर रहे थे, तब पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया।
विवादित डील: प्रोजेक्ट निंबस
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माइक्रोसॉफ्ट और गूगल ने 2021 में इजराइल सरकार के साथ 1.2 बिलियन डॉलर की क्लाउड डील की थी, जिसे ‘प्रोजेक्ट निंबस’ कहा गया।
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कुछ कर्मचारी चिंतित हैं कि यह तकनीक सैन्य ऑपरेशन या निगरानी के लिए इस्तेमाल हो सकती है, खासकर गाजा जैसी विवादित जगहों में।
माइक्रोसॉफ्ट का रुख
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कंपनी ने कहा कि तकनीक का गलत इस्तेमाल नहीं हो रहा।
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आरोपों की जांच के लिए लॉ फर्म नियुक्त की गई है।
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कंपनी ने मानवाधिकार मानकों और सेवा शर्तों का उल्लंघन रोकने का आश्वासन दिया।
प्रदर्शनकारियों की मांग
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प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि माइक्रोसॉफ्ट इजराइल के साथ सभी कॉन्ट्रैक्ट खत्म करे, क्योंकि उनका मानना है कि तकनीक फिलिस्तीनियों के खिलाफ इस्तेमाल हो रही है।
वानिया अग्रवाल और भारतीय कर्मचारी मामला
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अप्रैल में माइक्रोसॉफ्ट ने 50वें स्थापना दिवस इवेंट में विरोध करने वाले दो कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था।
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इसमें भारतीय मूल की सॉफ्टवेयर इंजीनियर वानिया अग्रवाल शामिल थीं।
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कर्मचारियों का आरोप था कि माइक्रोसॉफ्ट इजराइली सेना को AI टेक्नोलॉजी बेचकर नरसंहार में शामिल हो रही है।
प्रदर्शन का सीधा असर
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शुक्रवार को माइक्रोसॉफ्ट के CEO सत्या नडेला, बिल गेट्स और स्टीव वॉल्मर के सेशन के दौरान इब्तिहाल अबूसाद और वानिया अग्रवाल ने विरोध प्रदर्शन किया।
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इब्तिहाल अबूसाद ने इवेंट में चिल्लाकर कहा कि माइक्रोसॉफ्ट इजराइल को AI हथियार बेच रही है, जिससे 50,000 लोग मारे जा चुके हैं।