रायगढ़ में 15 घंटे की बारिश से हाहाकार:

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लो डैम के 4 गेट खोले गए, कई सड़कें डूबीं; 13 जिलों में अलर्ट जारी

रायगढ़ जिले में लगातार 15 घंटे की मूसलाधार बारिश से हालात बिगड़ गए हैं। केलो नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने पर प्रशासन ने केलो डैम के 4 गेट खोल दिए। इसके चलते आसपास के नदी-नाले उफान पर आ गए हैं। रायगढ़-कोंडकेल मार्ग पर पानी कमर तक भर गया है।

मौसम विभाग का अलर्ट

अगले 3 दिनों तक सरगुजा और बिलासपुर संभाग में भारी बारिश का अनुमान है। आज कोरबा, जांजगीर-चांपा, रायगढ़, जशपुर, बलरामपुर और सरगुजा समेत 6 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है। वहीं रायपुर, बलौदाबाजार, बिलासपुर, जीपीएम, कोरिया, सूरजपुर और मुंगेली में भी आंधी और बिजली गिरने की चेतावनी दी गई है।

अब तक की बारिश

  • 1 जून से अब तक छत्तीसगढ़ में औसतन 794 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।

  • बलरामपुर सबसे आगे है, यहां 1148.1 मिमी पानी गिरा।

  • सबसे कम बारिश बेमेतरा में हुई—सिर्फ 391.8 मिमी।

सिर्फ जुलाई में ही प्रदेश में 453.5 मिमी बारिश हुई, जो पिछले 10 सालों में सिर्फ दूसरी बार 400 मिमी से ज्यादा है।

बिजली गिरने का खतरा

आकाशीय बिजली बादलों के टकराव से पैदा होती है और धरती तक पहुंचकर सबसे आसान संचालक (कंडक्टर) तलाशती है। यही कारण है कि खुले में खड़े लोग, खंभे या ऊंची चीजें इसकी चपेट में आ जाते हैं।

  • इसकी तापमान क्षमता सूर्य की ऊपरी सतह से ज्यादा होती है।

  • कुछ मिलीसेकंड में करोड़ों वॉट चार्ज छोड़ती है।

  • सिर, गले और कंधों पर सबसे ज्यादा असर करती है।

मिथक बनाम हकीकत

  • लोग मानते हैं कि एक जगह बिजली दोबारा नहीं गिरती, जबकि यह गलत है।

  • रबर या टायर बिजली से सुरक्षा नहीं दे सकते।

  • नाव चलाते समय बाहर निकलना खतरनाक है।

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