धर्मस्थल केस में चौंकाने वाला मोड़! शिकायतकर्ता ही गिरफ्तार

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SIT का दावा: बयान और सबूतों में गड़बड़ी, पूर्व सफाईकर्मी की गिरफ्तारी


कर्नाटक के मशहूर धर्मस्थल मंदिर केस में बड़ा ट्विस्ट सामने आया है।
जिन्होंने सैकड़ों लाशों को दफनाने का सनसनीखेज दावा किया था, वही शिकायतकर्ता अब खुद पुलिस की गिरफ्त में हैं।

क्या है मामला?

  • शिकायतकर्ता, जो कभी मंदिर में सफाईकर्मी था, ने आरोप लगाया था कि 1995-2014 के बीच उसे महिलाओं और नाबालिगों के शव दफनाने के लिए मजबूर किया गया।

  • उसका दावा था कि कई शवों पर यौन हिंसा के निशान थे।

  • बयान के आधार पर SIT ने जुलाई में 13 जगह खुदाई कराई, जहां एक कंकाल और इंसानी हड्डियां मिलीं।

लेकिन अब SIT चीफ प्रणब मोहंती ने कहा:

“शिकायतकर्ता के बयान और प्रस्तुत दस्तावेजों में विरोधाभास पाए गए हैं।”
इसी आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।


शिकायतकर्ता के पहले दिए गए चौंकाने वाले बयान:

  • 1998 में पहली बार शव निपटाने का आदेश मिला, मना करने पर मारपीट और परिवार को धमकी।

  • 2014 में रिश्तेदार के यौन उत्पीड़न के बाद धर्मस्थल छोड़ दिया।

  • “मैंने सबूत दिए हैं, पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए तैयार हूं।”

  • आरोप: “मंदिर प्रशासन से जुड़े प्रभावशाली लोग विरोधियों को खत्म कर देते हैं।”


धर्मस्थल मंदिर की खासियत:

  • कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में स्थित, भगवान मण्जुनाथ का प्रसिद्ध मंदिर।

  • हिंदू पूजा-पद्धति, लेकिन संचालन जैन समाज करता है।

  • मुफ्त भोजन (अन्नदान), शिक्षा और इलाज के लिए भी प्रसिद्ध।


जुड़े पुराने क्राइम केस:

  • 2012 सौजन्या केस: 14 से ज्यादा चोटें, प्राइवेट पार्ट में मिट्टी डालकर सबूत मिटाने की कोशिश।

  • पद्मलता मर्डर: आज तक न्याय की प्रतीक्षा।

  • स्थानीय चश्मदीद तुकाराम का दावा:

“2009 में कई बार महिलाओं के शव जंगल में दफन होते देखे।”


बड़ी तस्वीर:
एक तरफ पुलिस का कहना है कि सबूत मेल नहीं खा रहे, वहीं शिकायतकर्ता और गवाह मंदिर प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं।
अब पूरा मामला SIT की गहन जांच और कोर्ट की सुनवाई पर निर्भर है।


हाइलाइट:

“धर्मस्थल मंदिर के शांत वातावरण के पीछे क्या है कोई काली सच्चाई?”

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