AAP-कांग्रेस का बीजेपी पर हमला, सपा ने बढ़ाया 52% का मुद्दा
मध्यप्रदेश में 27% OBC आरक्षण को लेकर सियासी टकराव तेज हो गया है। गुरुवार (28 अगस्त) को सीएम हाउस में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने आरक्षण को लेकर सहमति जताई, लेकिन आरोप-प्रत्यारोप भी जमकर हुए। इस बीच सपा ने आबादी के आधार पर 52% आरक्षण की नई मांग रखकर बहस को और गर्म कर दिया।
️ CM मोहन यादव बोले: “सभी दल एकमत”
बैठक के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि OBC आरक्षण पर सभी दलों के विचार एक जैसे हैं।
“सुप्रीम कोर्ट में लंबित प्रकरण पर जल्द फैसला होना चाहिए। 13% होल्ड पद बहाल हों और कोई उम्मीदवार उम्र सीमा से वंचित न रहे।”
कांग्रेस का आरोप: “श्रेय लेने की राजनीति”
बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा:
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यह बैठक सिर्फ दिखावा थी
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सरकार हमारे बनाए घर में नारियल फोड़कर श्रेय लेना चाहती है
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OBC आरक्षण को 9वीं अनुसूची में डालने के लिए लोकसभा में प्रस्ताव भेजने की मांग
पूर्व सीएम कमलनाथ ने X पर लिखा:
“27% आरक्षण कांग्रेस सरकार पहले ही लागू कर चुकी है। यह बैठक जनता को गुमराह करने की कोशिश है।”
सपा का बड़ा दांव: 52% आरक्षण
सपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनोज यादव ने 52% आरक्षण की मांग रखी। उन्होंने कहा:
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जिलावार रोस्टर लागू हो
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सरकारी वकीलों की नियुक्ति में OBC आरक्षण सुनिश्चित हो
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13% होल्ड पद तत्काल बहाल हों
AAP का सीधा हमला: “जानबूझकर अटकाया गया”
AAP प्रदेश अध्यक्ष रानी अग्रवाल ने सवाल उठाया:
“केंद्र और राज्य दोनों जगह बीजेपी की सरकार है, फिर भी 27% आरक्षण क्यों नहीं लागू हो रहा? कोर्ट भी सवाल कर चुका है।”
कांग्रेस नेता अरुण यादव का वार
अरुण यादव बोले:
“2003 से 2025 तक बीजेपी के चार मुख्यमंत्री रहे, लेकिन किसी ने ठोस पहल नहीं की। कांग्रेस ने 2018 में कानून बनाया था, बीजेपी की नीयत में खोट है।”
⚡ पॉलिटिकल मैसेज क्लियर:
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कांग्रेस: आरक्षण लागू करने का क्रेडिट चाहती है
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बीजेपी: कोर्ट केस का हवाला देकर सहमति की अपील कर रही
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सपा: 52% आरक्षण का नया नैरेटिव खड़ा कर रही
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AAP: सरकार पर लटकाने का आरोप लगा रही
Bottomline:
मध्यप्रदेश का OBC आरक्षण मुद्दा सिर्फ कानून का नहीं, बल्कि सियासी पावर गेम का बड़ा हथियार बन चुका है। आने वाले समय में कोर्ट का फैसला और राजनीतिक बयानबाजी इसे और गरमा सकती है।