सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के वरिष्ठ प्रबंधन -निदेशक प्रभारी और कार्यपालक निदेशक-वर्क्स द्वारा सुरक्षा को अपने प्रचालन की आधारशिला मानते हुए संयंत्र के कार्यप्रणाली और प्रचालन दिशानिर्देशों में सुरक्षा को प्रथम और सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में रखा गया है।
इसी कार्य सिद्धांत के अनुरूप, विभागीय कार्यान्वयन समिति (डीआईसी-25), जिसमें मटेरियल रिकवरी विभाग (एमआरडी), लागत एवं बजट विभाग (सीबीडी), उत्पादन योजना एवं नियंत्रण विभाग (पीपीसी) तथा कच्चा माल विभाग (आरएमडी) सम्मिलित हैं, ने ठेका श्रमिकों की कार्यस्थल सुरक्षा को मजबूती प्रदान करने हेतु “सुरक्षा मित्र” नामक विशेष पहल का शुभारंभ किया है।
विभागीय कार्यान्वयन समिति (डीआईसी-25) के लीडर व मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (सेवाएँ) श्री तुषार कांत द्वारा परिकल्पित इस पहल का उद्देश्य प्रतिबद्ध ठेका श्रमिकों को बदलाव का माध्यम बनाना तथा उन्हें कार्यस्थल की सुरक्षा व्यवस्था सुधारने में प्रत्यक्ष रूप से शामिल करना है। इस दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए मुख्य महाप्रबंधक (एमआरडी) श्री सुशील कुमार ने एमआरडी में “सुरक्षा मित्र” कार्यक्रम को प्रारंभ किया, जिसके अंतर्गत उन ठेका श्रमिकों की पहचान कर उन्हें “सुरक्षा मित्र बैज” प्रदान कर सम्मानित किया गया, जिन्होंने निरंतर उत्कृष्ट सुरक्षा प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है।
इस अवसर पर मुख्य महाप्रबंधक (एमआरडी) श्री सुशील कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि “सुरक्षा मित्र” पहल, जमीनी स्तर पर संचालित सुरक्षा संस्कृति के निर्माण की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है, जिसमें ठेका श्रमिक स्वयं प्रशिक्षक, प्रेरक और सुरक्षित कार्यप्रणाली के आदर्श की भूमिका निभाते हैं। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम भिलाई इस्पात संयंत्र की “जीरो हार्म” (शून्य दुर्घटना) की परिकल्पना को साकार करने तथा सभी परिचालनों में सुरक्षा संस्कृति को आत्मसात करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
“सुरक्षा मित्र बैज” उन ठेका श्रमिकों को प्रदान किया जाता है जो कठोर सुरक्षा मानकों को पूरा करते हैं व जिनके द्वारा सभी अनिवार्य सुरक्षा प्रशिक्षणों की सफलतापूर्वक पूर्णता, मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) एवं मानक अनुरक्षण प्रक्रियाओं (एसएमपी) का सुचारू अनुपालन, टूल बॉक्स टॉक्स एवं सुरक्षा चर्चाओं में सक्रिय भागीदारी, तथा विभागीय सुरक्षा जागरूकता अभियानों में योगदान सम्मिलित है। इन मानकों से आगे बढ़कर, “सुरक्षा मित्र” अपने सहकर्मियों के बीच नेतृत्व क्षमता प्रदर्शित करते हैं, उन्हें सुरक्षा संबंधी मार्गदर्शन देते हैं, टूल बॉक्स टॉक्स आयोजित करते हैं, सुरक्षा क्विज़ में सहयोग करते हैं तथा विविध जागरूकता गतिविधियों के माध्यम से उन्हें प्रेरित करते हैं। यह सहकर्मी-से-सहकर्मी मॉडल जमीनी स्तर पर सुरक्षित कार्यप्रणालियों को और सुदृढ़ करता है।
एमआरडी की इस पहल के पश्चात, डीआईसी-25 के अन्य विभाग – सीबीडी, पीपीसी और आरएमडी – भी निकट भविष्य में अधिक “सुरक्षा मित्र” तैयार करने की दिशा में प्रयासरत हैं, जिससे ठेका श्रमिकों की गहन भागीदारी सुनिश्चित हो सके और संयंत्र में सुरक्षा-प्रथम संस्कृति को और मजबूत किया जा सके।