छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 1 सितंबर से ‘नो हेलमेट, नो पेट्रोल’ अभियान सख़्ती से लागू किया जाएगा। अब पेट्रोल पंपों पर दोपहिया वाहन चालकों को ईंधन तभी मिलेगा, जब वे हेलमेट पहनकर आएंगे। इस अहम निर्णय को रायपुर पेट्रोल पंप एसोसिएशन ने सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया है।
सड़क दुर्घटनाओं को रोकने की बड़ी पहल
हाल के दिनों में रायपुर शहर में सड़क हादसों के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी गई है। कई मामलों में गंभीर चोटें और मौतें सामने आईं। अधिकांश दुर्घटनाओं में यह पाया गया कि पीड़ितों ने हेलमेट नहीं पहना था, जिसके कारण सिर में गंभीर चोट लगी और हादसा जानलेवा साबित हुआ।
इन्हीं चिंताजनक आंकड़ों को देखते हुए एसोसिएशन ने यह ठोस निर्णय लिया है कि हेलमेट पहनने वालों को ही पेट्रोल मिलेगा।
सरकार का समर्थन
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस कदम को सराहनीय बताते हुए कहा कि,
“पेट्रोल पंप एसोसिएशन का यह फैसला स्वागत योग्य है। सरकार और प्रशासन इस पहल को मजबूती से लागू करने में सहयोग करेंगे। पहले भी सरकार ने ऐसे नियमों को लागू करने की कोशिश की थी, लेकिन यह स्थायी रूप से सफल नहीं हो पाया। इस बार हम इसे प्रभावी तरीके से लागू करेंगे और उम्मीद है कि लोग भी जिम्मेदारी निभाएंगे।”
अभियान का मकसद
एसोसिएशन का मानना है कि हेलमेट पहनने से सड़क दुर्घटनाओं में मौत और गंभीर चोटों का खतरा काफी कम हो सकता है। पंप संचालक इस अभियान को सख्ती से लागू करेंगे और दोपहिया वाहन चालकों को हेलमेट पहनने के लिए प्रेरित करेंगे।
मुख्य बिंदु:
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रायपुर में 1 सितंबर से पेट्रोल पंप पर हेलमेट के बिना पेट्रोल नहीं मिलेगा।
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हालिया सड़क हादसों में अधिकांश मौतें हेलमेट न पहनने के कारण हुईं।
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पेट्रोल पंप एसोसिएशन का निर्णय, सरकार और प्रशासन का पूरा समर्थन।
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अभियान का उद्देश्य: सड़क सुरक्षा जागरूकता और दुर्घटनाओं में कमी।