छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में एक बाबा 5100 रुपए लेकर भूत-प्रेत बाधा और पारिवारिक कलह से मुक्ति दिलाने का दावा करता है। तांत्रिक का दावा है कि उसके ऊपर कुलदेवी का वास है। वह झाड़-फूंक और पशु बलि के माध्यम से समस्याओं का समाधान करता है। वह खुद को सहस्त्रबाहु अर्जुन का प्रतिनिधि बताता है।
बाबा के तंत्र क्रिया के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। ये वीडियो बाबा ने खुद अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से अपलोड किए हैं। जानकारी के मुताबिक 2019 में एक महिला ने रेप और ठगी के आरोप भी लगाए थे। वहीं डड़सेना कलार समाज और आदिवासी युवा प्रभाग ने तांत्रिक पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया। इसकी शिकायत कोतवाली थाने में की गई है।
तांत्रिक का नाम पुष्पराज सिन्हा (36) है। पुष्पराज के अनुसार ग्राम कोडेजूंगा में पिछले 19 सालों से दरबार लगाया जाता है। जहां दूर-दराज से लोग पहुंचते हैं। देवी से ‘बातचीत’ के बाद समस्या का हल किया जाता है। इस दौरान मुर्गी, बकरा और कबूतर की बलि दी जाती है।
बाबा इंस्टाग्राम पर भी एक्टिव
बाबा खुद को सहस्त्रबाहु अर्जुन का प्रतिनिधि बताता है। इसी नाम पर दरबार लगाता है। वह इंस्टाग्राम पर भी एक्टिव है, जहां अपने झाड़-फूंक और बलि की गतिविधियों के वीडियो अपलोड करता है, जिससे दूसरे राज्यों से भी लोग पहुंचने लगे हैं।
श्रद्धालुओं की सलाह पर फीस तय किया गया
बाबा का कहना है कि पहले ‘टाइम पास’ करने वाले लोग आते थे, जिससे बचने के लिए श्रद्धालुओं की सलाह पर 5100 रुपए फीस तय किया गया। बाबा ने यह भी बताया कि 2018 में कुछ लोगों ने उसे ‘टोनहा’ घोषित कर बीच चौराहे पर मारपीट की थी।
स्वेच्छा से आने वाले लोगों की मदद- बाबा
मारपीट कारण कुछ समय के लिए दरबार बंद कर दिया था। बाबा का कहना है कि उससे इंस्टाग्राम में कुछ गलत पोस्ट हो गई हैं, जिसे वह सुधारने का प्रयास कर रहा है। वह किसी पर कोई दबाव नहीं बनाता। सिर्फ स्वेच्छा से आने वाले लोगों की मदद करता है।
महिला से रेप और ठगी का आरोप
बाबा पुष्पराज पर 2019 में एक महिला ने दुष्कर्म और ठगी का आरोप लगाया था। महिला ने कांकेर कोतवाली में धारा 376, 506 के तहत मामला दर्ज कराया था। आरोप था कि बाबा ने पूजा के बहाने मंदिर में बुलाकर दरवाजा बंद कर दुष्कर्म किया। किसी को बताने पर तंत्र-मंत्र से नुकसान पहुंचाने की धमकी दी।
महिला ने 2.20 लाख रुपए की ठगी का भी आरोप लगाया था। इस मामले पर बाबा का कहना है कि 5 महीने बाद दोषमुक्त होकर वह जेल से बाहर आ गया था।
समाज ने थाने में की शिकायत
इधर, डड़सेना कलार समाज और आदिवासी युवा प्रभाग ने बाबा के खिलाफ अंधविश्वास फैलाने और समाज के आराध्य देव के नाम का दुरुपयोग करने की शिकायत की है। कांकेर कोतवाली में शिकायत कर कार्रवाई की मांग की गई है।