स्टूडेंट्स बोले-टीचर ने छाती पर मारी लात:रायपुर नवोदय में टीचर ने रॉड-छड़ी से पीटा, प्राइवेट-पार्ट को टारगेट किया; प्रिंसिपल बोलीं-एडल्ट कंटेंट देख रहे थे

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राजधानी रायपुर के माना स्थित नवोदय स्कूल में 4 स्टूडेंट्स के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। सभी स्टूडेंट क्लास 10th में पढ़ते हैं। जानकारी के मुताबिक चारों स्टूडेंट एक साथ एक ही मोबाइल पर कुछ वीडियो देख रहे थे। रात के करीब 1 बजे थे, तभी हॉस्टल वार्डन राउंड पर आया।

कमरे के भीतर से स्टूडेंट्स के खिलखिलाने और बात करने की आवाज सुनी। वार्डन बच्चों के कमरे के अंदर गया। बच्चों के हाथ में मोबाइल देखकर उन्हें चिल्लाने लग। पूरे मामले की जानकारी वार्डन ने स्कूल के शिक्षक डीके सिंह को दी। इसके बाद शिक्षक और वार्डन ने चारों बच्चों को छड़ी और रॉड से पीटा।

इन चारों के के अलावा भी स्कूल के अन्य बच्चों से भी हमने बात की है। सभी का कहना है कि डीके सिंह सर सबको पीटते हैं। छठवीं क्लास के छोटे बच्चों को छड़ी से मार देते हैं। हमने स्कूल, बच्चों के गार्जियन, अधिकारियों और स्टूडेंट से भी बात की। सभी ने अपनी तरह से पूरे मामले को इन्टरप्रिटेशन किया है।

एक-एक कर हम सभी का पक्ष आपके सामने रख रहे हैं। सबसे पहले उन बच्चों का पक्ष आपके सामने रखते हैं, जिनके साथ मारपीट की गई है। हालांकि हम बच्चों का नाम और उनका चेहरा आपको नहीं दिखाएंगे, ताकि उनकी प्राइवेसी मेंटेन रहे…

अब जानिए किस स्टूडेंट ने मारपीट पर क्या कहा ?

स्टूडेंट नंबर 1.

पहले छात्र ने बताया कि हम चारों दोस्त मोबाइल पर वीडियो देख रहे थे। रील स्क्रोल कर रहे थे। इसी बीच अचानक हॉस्टल वार्डन और सर आ गए। सबसे पहले सर ने मेरे प्राइवेट पार्ट पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन मैं किसी तरह बच गया। उसके बाद सर ने वार्डन से कहा कि इसको पकड़ो।

स्टूडेंट नंबर 2.

दूसरे छात्र ने बताया कि सर कमरे के भीतर घुसे, और डंडे से पीटना शुरू कर दिया। मां बहन की गाली देते हुए हमको मार रहे थे। पीछे खड़ा केयर टेकर भी गाली दे रहा था। पीटने के बाद सर ने हमारी फोटो भी ली थी। हमसे कहा था कि तुम सब के सब स्कूल से निकाल दिए जाओगे।

स्टूडेंट नंबर 3.

वहीं तीसरे छात्र ने कहा कि वह लोग हमारे लिए कह रहे हैं, कि हम मोबाइल पर 18 प्लस कंटेंट देख रहे थे, लेकिन असल में तो ना प्रिंसिपल मैम ने देखा है, न ही केयर टेकर ने देखा है और ना ही सर ने देखा था कि हम मोबाइल पर क्या देख रहे थे। हम लोगरील स्क्रोल कर रहे थे।

स्कूल की प्रिंसिपल बोलीं: बच्चे गलत वीडियो देख रहे थे, लेकिन पीटना नहीं था

स्कूल की प्रिंसिपल लक्ष्मी सिंह ने बताया कि बच्चे एडल्ट कंटेंट देख रहे थे। मना किया गया था, लेकिन उन्होंने हॉस्टल वार्डन से बहस की। इसके बाद उसने टीचर डीके सिंह को बताया। सिंह के आते ही उन्होंने मोबाइल फेंक दिया। बच्चों को इसलिए सिंह ने पीट दिया।

प्रिंसिपल ने बताया कि किसी भी स्थिति में मारना गलत है। मैं इसके पक्ष में नहीं हूं, लेकिन ये मारपीट इतनी गंभीर तौर पर नहीं हुई है, जितना इसे दर्शाया जा रहा है

पीड़ित बच्चे के पिता बोले – अनुशासात्मक कार्रवाई की जानी थी, मारने का हक नहीं

पीड़ित बच्चे के पिता एओ लारी ने बताया कि मेरे बच्चे को बुरी तरह से पीटा गया है। उसके हाथ और पांव में फ्रैक्चर है। बच्चे गलती कर रहे हों तो अनुशासात्मक कार्रवाई करनी थी। इस तरह से पीटने का अधिकार किसी को नहीं है। जिस तरह से पीटा गया है, इस तरह से कोई सामान्य व्यक्ति नहीं पीट सकता ।

आरोपी शिक्षक बोले- मैं क्रिमिनल नहीं, टीचर हूं

आरोपी शिक्षक डीके सिंह ने कहा कि मुझे क्रिमिनल की तरह फ्रेम किया जा रहा है। मै टीचर हूं। केयर टेकर यानी की हॉस्टल वार्डन के कहने पर मौके पर पहुंचा था। बच्चों ने मुझे देखते ही मोबाइल फेंक दिया। भागने की कोशिश करने लगे। मैंने वार्डन से उन्हें पकड़ने को कहा। मैं उनसे पूछा कि मोबाइल क्यों फेंका और हॉस्टल में कहां से आया।

उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इसलिए मैंने एक बच्चे को छड़ी से मारा, और छड़ी टूट गई। वह बच्चे हमारे ही संरक्षण में रहते हैं, लेकिन जब आवश्यकता से अधिक अनुशासनहीनता करते हैं, तो कुछ कठोर निर्णय लेने पड़ते हैं।

आरोपी शिक्षक ने कहा कि मैंने मारा है, लेकिन यह बात गलत है कि रॉड से मैंने पीटा और उसके हाथ पैर तोड़ दिए। हम भी बच्चों से उतना ही प्यार करते हैं जितना कि उनके मां-बाप। हम नहीं चाहते कि हमारे यहां से निकले हुए बच्चे गैर जिम्मेदार हों। मैंने गलती की है, इसके लिए मैं माफी मांगता हूं।

प्रशासन बोला: मामले की जांच के बाद होगी कार्रवाई

रायपुर DEO हिमांशु भारती ने बताया कि कलेक्टर गौरव सिंह ने मामले में जांच के निर्देश दिए हैं। दोनों पक्षों को सुनना जरूरी है। अब तक की जानकारी के मुताबिक बच्चे से मारपीट हुई है। उसका हेल्थ स्टेटस भी हम लगातार देख रहे हैं। जल्द इसमें एक्शन लिया जाएगा।

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