‘एजुकेट गर्ल्स’ NGO को रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड 2025: पहली भारतीय संस्था को मिला एशिया का सर्वोच्च सम्मान

Spread the love

महिला शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक काम करने वाली भारतीय संस्था ‘एजुकेट गर्ल्स’ को 2025 का प्रतिष्ठित रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड मिला है। यह पहली बार है जब कोई भारतीय संगठन इस सम्मान से नवाजा गया है।

संगठन को यह पुरस्कार उन बच्चियों को शिक्षा की मुख्यधारा में वापस लाने के लिए दिया गया है, जिन्होंने किसी कारणवश स्कूल छोड़ दिया था। अब तक 2 करोड़ से अधिक बच्चियों को पढ़ाई की राह पर लौटाने का श्रेय ‘एजुकेट गर्ल्स’ को जाता है।


सफीना हुसैन: सैन फ्रांसिस्को से भारत लौटकर बनाई नई दिशा

इस संस्था की स्थापना वर्ष 2007 में सफीना हुसैन ने की। लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई पूरी करने के बाद वे सैन फ्रांसिस्को में कार्यरत थीं, लेकिन भारत लौटकर महिला निरक्षरता दूर करने का बीड़ा उठाया।
1998 से 2004 तक वे चाइल्ड फैमिली हेल्थ इंटरनेशनल की कार्यकारी निदेशक रहीं। 2007 में उन्होंने अपना करियर छोड़कर ग्रामीण भारत में शिक्षा अभियान की नींव रखी।


राजस्थान से शुरुआत, 30 हजार गांवों तक सफर

एजुकेट गर्ल्स ने राजस्थान के पिछड़े क्षेत्रों से अभियान की शुरुआत की, जहां लड़कियों की शिक्षा दर बेहद कम थी।

  • 2015 में संस्था ने शिक्षा जगत का पहला डेवलपमेंट इम्पैक्ट बॉन्ड (DIB) शुरू किया। इसके तहत निवेशक शिक्षा प्रोजेक्ट्स को फंड करते हैं और तय परिणाम आने पर उन्हें रिटर्न मिलता है।

  • यह प्रोजेक्ट सिर्फ 50 गांवों से शुरू होकर आज 30,000 से ज्यादा गांवों तक फैल चुका है।

  • संगठन का ‘प्रगति’ ओपन स्कूलिंग प्रोग्राम 15 से 29 साल की महिलाओं को पढ़ाई पूरी करने का मौका दे रहा है। पहले बैच में 300 छात्राएं थीं, जो अब बढ़कर 31,500 से ज्यादा हो गई हैं।


टीम बालिका: गांव-गांव शिक्षा का अभियान

संस्था की सफलता का सबसे बड़ा आधार हैं इसके 55,000 से ज्यादा सामुदायिक वालंटियर्स, जिन्हें ‘टीम बालिका’ कहा जाता है। इनके प्रयास से 20 लाख बच्चियों को स्कूल लौटाया गया और 24 लाख बच्चों की पढ़ाई में मदद मिली।
आने वाले वर्षों में संगठन का लक्ष्य है कि एक करोड़ से ज्यादा बच्चों तक शिक्षा पहुंचाकर गरीबी और अशिक्षा के चक्र को तोड़ा जाए।


रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड क्या है?

रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड एशिया का सबसे बड़ा सामाजिक सम्मान है, जो साहसिक प्रयासों और समाज में बदलाव की दिशा में किए गए कार्यों के लिए दिया जाता है।
2025 में यह अवॉर्ड:

  • भारत की ‘एजुकेट गर्ल्स’

  • मालदीव की शाहिना अली (प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ प्रयास)

  • फिलीपींस के फादर फ्लावियानो एल. विलनुएवा (गरीबों और बेघरों की मदद) को मिला है।


7 नवंबर को होगा सम्मान समारोह

यह अवॉर्ड 7 नवंबर 2025 को फिलीपींस की राजधानी मनीला में आयोजित 67वीं रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड सेरेमनी में औपचारिक रूप से प्रदान किया जाएगा। विजेताओं को मेडल और सर्टिफिकेट दिए जाएंगे। यह कार्यक्रम फाउंडेशन के आधिकारिक फेसबुक और यूट्यूब चैनल पर लाइव प्रसारित होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *