भारत सरकार ने अगस्त 2025 में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) से ₹1.86 लाख करोड़ की वसूली की है। यह आंकड़ा पिछले साल अगस्त 2024 की तुलना में 6.5% ज्यादा है। उस समय सरकार ने ₹1.75 लाख करोड़ का GST कलेक्शन किया था।
हालांकि, जुलाई 2025 के मुकाबले इसमें कमी आई है। जुलाई में ₹1.96 लाख करोड़ का कलेक्शन हुआ था यानी एक महीने में करीब ₹10,000 करोड़ कम टैक्स जमा हुआ। अप्रैल 2025 में अब तक का सबसे ज्यादा ₹2.37 लाख करोड़ और मई में ₹2.01 लाख करोड़ का कलेक्शन दर्ज किया गया था।
5 साल में दोगुना हुआ GST कलेक्शन
देश में GST को लागू हुए 8 साल पूरे हो गए हैं। 1 जुलाई 2017 को जब इसे लागू किया गया था, तब टैक्स कलेक्शन की स्थिति आज जैसी नहीं थी।
-
वित्त वर्ष 2020-21 में ग्रॉस GST कलेक्शन ₹11.37 लाख करोड़ था।
-
वित्त वर्ष 2024-25 में यह बढ़कर ₹22.08 लाख करोड़ पहुंच गया।
यानी, 5 साल में टैक्स वसूली लगभग दोगुनी हो गई है।
2020-21 में जहां मासिक औसत कलेक्शन ₹95,000 करोड़ था, वहीं 2024-25 में यह बढ़कर ₹1.84 लाख करोड़ हो गया।
टैक्सपेयर्स की संख्या में बड़ी बढ़ोतरी
GST लागू होने के समय 2017 में केवल 65 लाख पंजीकृत टैक्सपेयर्स थे। अब यह संख्या बढ़कर 1.51 करोड़ से ज्यादा हो गई है। इससे सरकार का टैक्स बेस मजबूत हुआ और रेवेन्यू कलेक्शन में स्थिरता आई।
अप्रैल 2025 का रहा अब तक का सबसे बड़ा कलेक्शन
इतिहास में सबसे ज्यादा GST कलेक्शन अप्रैल 2025 में हुआ, जब सरकार ने ₹2.37 लाख करोड़ टैक्स जुटाया। यह पिछले साल अप्रैल 2024 के मुकाबले 12.6% ज्यादा था।
इकोनॉमी का बैरोमीटर है GST
GST कलेक्शन को अर्थव्यवस्था की स्थिति मापने का एक अहम पैमाना माना जाता है।
-
ज्यादा कलेक्शन का मतलब है कि उपभोक्ता खर्च और औद्योगिक गतिविधियां मजबूत हैं।
-
टैक्स अनुपालन (compliance) में भी सुधार हुआ है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अप्रैल में उच्च कलेक्शन इसलिए भी होता है क्योंकि बिजनेस मार्च वित्त वर्ष समाप्त होने से पहले अपने लेन-देन निपटाते हैं।
GST की बुनियादी जानकारी
GST को 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था। इसके साथ ही केंद्र और राज्य सरकारों के 17 अलग-अलग टैक्स और 13 उपकर समाप्त कर दिए गए। यह टैक्स सिस्टम ज्यादा पारदर्शी और सरल माना जाता है।
GST चार स्लैब में विभाजित है – 5%, 12%, 18% और 28%।
इसके चार प्रमुख घटक हैं:
-
CGST: केंद्र सरकार द्वारा वसूला जाता है।
-
SGST: राज्य सरकारों द्वारा वसूला जाता है।
-
IGST: अंतरराज्यीय लेन-देन और आयात पर लागू, जिसका हिस्सा केंद्र और राज्य दोनों को मिलता है।
-
उपकर: कुछ खास वस्तुओं (जैसे लक्ज़री आइटम और तंबाकू) पर अतिरिक्त शुल्क।
अगस्त 2025 का GST कलेक्शन भले ही जुलाई से कम हो, लेकिन लगातार बढ़ते वार्षिक आंकड़े यह संकेत देते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था का टैक्स बेस मजबूत हो रहा है और उपभोग क्षमता में सुधार हुआ है।