GST काउंसिल का बड़ा फैसला आने वाला! 175 प्रोडक्ट्स पर टैक्स कटौती, नए GST स्लैब से आपकी जेब पर असर

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भारत में टैक्स स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव आने की तैयारी है। बुधवार, 3 सितंबर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में GST काउंसिल की 56वीं बैठक चल रही है। इस बैठक में 175 से ज्यादा सामानों और सेवाओं पर GST दरें घटाने का प्रस्ताव चर्चा में है। सूत्रों के मुताबिक, मौजूदा चार टैक्स स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) को घटाकर सिर्फ दो मुख्य स्लैब (5% और 18%) रखने का प्लान है। वहीं, लक्ज़री आइटम्स और ‘सिन गुड्स’ पर 40% का अलग टैक्स स्लैब भी लाने पर विचार हो रहा है।


क्या हो सकते हैं बड़े बदलाव?

  • 5% GST स्लैब में आएंगे: टूथपेस्ट, साबुन, शैम्पू, रेडी-टू-ईट फूड्स, बटर, चीज़, स्नैक्स और आम कपड़े-खाद्य उत्पाद।

  • 18% GST स्लैब में: टीवी, AC, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, सीमेंट और ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट (पहले 28% टैक्स लगता था)।

  • 40% टैक्स स्लैब: लक्ज़री कारें, 350cc से ऊपर की बाइकें, तंबाकू और प्रीमियम प्रोडक्ट्स।


ऑटो सेक्टर पर बड़ा असर

  • छोटी कारें और हाइब्रिड गाड़ियां (1200cc तक) पर टैक्स 28% से घटकर 18% हो सकता है।

  • ₹20-40 लाख तक की महंगी इलेक्ट्रिक कारों पर टैक्स 5% से बढ़कर 18% हो सकता है।

  • दोपहिया वाहनों पर राहत: इंडस्ट्री की मांग के मुताबिक 28% से घटकर 18% GST की उम्मीद।

  • 350cc से ऊपर की बाइक (जैसे रॉयल एनफील्ड) पर 40% टैक्स का प्रपोजल, कंपनियों को झटका लग सकता है।


आम जनता को क्या मिलेगा फायदा?

  • रोजमर्रा की चीज़ें जैसे साबुन, शैम्पू, टूथपेस्ट और खाने का सामान सस्ता होगा।

  • टीवी, AC, वॉशिंग मशीन जैसे इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स की कीमत घट सकती है।

  • टू-व्हीलर्स और कई कारें सस्ती होंगी।

  • लक्ज़री प्रोडक्ट्स और प्रीमियम इलेक्ट्रिक कारें महंगी हो जाएंगी।


क्यों हो रहे हैं GST रिफॉर्म्स?

प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त को लालकिले से कहा था कि भारत को नए GST ढांचे की जरूरत है। हाल ही में अमेरिका द्वारा भारत पर 50% इंपोर्ट ड्यूटी लगाने के बाद यह कदम उपभोक्ताओं की जेब को राहत और अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए उठाया जा रहा है।

  • SBI रिसर्च का अनुमान: GST सुधारों से अगले 1 साल में GDP में 0.60% की बढ़त हो सकती है।

  • खुदरा महंगाई में भी 20-25 बेसिस पॉइंट की गिरावट की उम्मीद।


सरकार को कितना होगा नुकसान?

  • टैक्स कटौती और स्लैब घटाने से सरकार को सालाना ₹60,000 करोड़ से ₹1.7 लाख करोड़ तक का नुकसान हो सकता है।

  • सरकार इसे GST कम्पनसेशन सेस फंड (₹45,581 करोड़ सरप्लस) और सिन गुड्स पर 40% टैक्स से भरने की योजना बना रही है।

  • कम टैक्स से खपत बढ़ने की उम्मीद, जिससे लंबी अवधि में राजस्व फिर बढ़ सकता है।


राज्यों को भी मिलेगा सुरक्षा कवच

राज्यों को GST कटौती से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए नया कंपनसेशन मैकेनिज्म बनाने पर भी चर्चा हो रही है।


निष्कर्ष:
यह बदलाव रोजमर्रा की चीज़ों को सस्ता करेगा, मिड-सेगमेंट कार और बाइक खरीदने वालों को राहत देगा, लेकिन लक्ज़री गाड़ियां और प्रीमियम प्रोडक्ट्स अब जेब पर भारी पड़ सकते हैं। GST काउंसिल का यह फैसला आने वाले दिनों में भारतीय टैक्स सिस्टम को पूरी तरह बदल सकता है।

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