सुबह उठते ही छींकें आ रही हैं? यह हो सकता है एलर्जिक राइनाइटिस, जानिए इसके लक्षण, बचाव और इलाज

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क्या आप सुबह उठते ही एक के बाद एक छींकने लगते हैं और नाक बहने लगती है? रातभर सब कुछ ठीक रहने के बावजूद सुबह की यह परेशानी दिनभर थकान या चिड़चिड़ापन ला देती है। अक्सर लोग इसे मौसम बदलने या प्रदूषण का असर मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह एलर्जिक राइनाइटिस (Allergic Rhinitis) का संकेत हो सकता है। इसे आम भाषा में हे फीवर (Hay Fever) भी कहते हैं।

एलर्जिक राइनाइटिस एक सामान्य एलर्जी है, लेकिन समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह गंभीर सांस संबंधी बीमारियों का कारण बन सकती है।


एलर्जिक राइनाइटिस क्या है?

यह नाक से जुड़ी एक एलर्जी है, जिसमें धूल, परागकण, धुआं, पालतू जानवरों के रोएं या फफूंद जैसी चीजें (एलर्जेन) नाक को ट्रिगर कर देती हैं। इसके चलते नाक में सूजन, छींकें, नाक बहना, आंखों में पानी या खुजली, और कभी-कभी गले में खराश जैसी समस्याएं होती हैं।


सुबह के समय छींकें ज्यादा क्यों आती हैं?

  • सुबह के वक्त शरीर में हिस्टामिन नामक केमिकल का लेवल बढ़ जाता है, जिससे एलर्जी रिएक्शन ज्यादा एक्टिव हो जाता है।

  • रातभर खुले खिड़की-दरवाजों से धूल, परागकण और नमी कमरे में जम जाते हैं।

  • तकिए, चादर और बिस्तर में रातभर जमा एलर्जेन भी नाक को ट्रिगर कर देते हैं।


एलर्जिक राइनाइटिस और सर्दी-जुकाम में अंतर

पहलू एलर्जिक राइनाइटिस सर्दी-जुकाम
कारण एलर्जेन (धूल, परागकण आदि) वायरस
अवधि लंबे समय तक बनी रहती है 5-7 दिन में ठीक
लक्षण छींक, आंखों में खुजली, नाक बहना बुखार, गले में खराश, शरीर दर्द
उपचार एलर्जी कंट्रोल दवाएं, बचाव वायरस के लिए आराम और दवा

किन लोगों को ज्यादा खतरा?

  • परिवार में एलर्जी का इतिहास रखने वाले लोग।

  • प्रदूषण, धूल या परागकण के संपर्क में रहने वाले।

  • कमजोर इम्यून सिस्टम, तनाव, अस्थमा के मरीज।

  • धूल-भरे कामकाज या जानवरों के बीच काम करने वाले।

  • खराब वेंटिलेशन वाले घरों में रहने वाले।


बचाव के 8 आसान तरीके

  1. एलर्जेन-प्रूफ बेडिंग का इस्तेमाल करें।

  2. बेडरूम की हवा साफ और नमी-रहित रखें।

  3. सोने से पहले शावर लें ताकि शरीर पर एलर्जेन न रह जाएं।

  4. पालतू जानवरों को बेडरूम में न आने दें।

  5. हफ्ते में एक बार बेडिंग गर्म पानी से धोएं।

  6. बाहर जाते समय मास्क पहनें।

  7. खिड़कियां बंद रखें, खासकर परागकण सीजन में।

  8. जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से एंटीहिस्टामिन लें।


कब डॉक्टर से संपर्क करें?

अगर छींक, नाक बंद होना या आंखों में पानी लगातार परेशान कर रहा है, तो डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। डॉ. राजकुमार (पल्मोनोलॉजिस्ट) के अनुसार, सही टेस्ट और इलाज से इस परेशानी को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है।


इलाज के विकल्प

  • एंटीहिस्टामिन दवाएं: छींक और खुजली कम करती हैं।

  • नेजल स्प्रे (स्टेरॉयड): नाक की सूजन और ब्लॉकेज घटाता है।

  • सलाइन वॉश: नाक को साफ कर एलर्जेन हटाता है।

  • इम्यूनोथेरेपी (एलर्जी शॉट्स/ड्रॉप्स): लंबे समय में एलर्जेन के प्रति संवेदनशीलता घटाती है।


क्या यह पूरी तरह ठीक हो सकता है?

एलर्जिक राइनाइटिस का स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन सही देखभाल और दवाओं से इसे पूरी तरह कंट्रोल किया जा सकता है। ध्यान रखें, समय पर ध्यान न देने पर यह साइनस इंफेक्शन या अस्थमा जैसी समस्याएं बढ़ा सकता है।


निष्कर्ष:
सुबह-सुबह छींकने को हल्के में न लें। यह केवल मौसम या प्रदूषण का असर नहीं, बल्कि एलर्जिक राइनाइटिस का संकेत हो सकता है। सही समय पर सावधानी बरतकर और डॉक्टर की मदद लेकर आप इस परेशानी को आसानी से कंट्रोल कर सकते हैं।

क्या आप सुबह उठते ही एक के बाद एक छींकने लगते हैं और नाक बहने लगती है? रातभर सब कुछ ठीक रहने के बावजूद सुबह की यह परेशानी दिनभर थकान या चिड़चिड़ापन ला देती है। अक्सर लोग इसे मौसम बदलने या प्रदूषण का असर मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह एलर्जिक राइनाइटिस (Allergic Rhinitis) का संकेत हो सकता है। इसे आम भाषा में हे फीवर (Hay Fever) भी कहते हैं।

एलर्जिक राइनाइटिस एक सामान्य एलर्जी है, लेकिन समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह गंभीर सांस संबंधी बीमारियों का कारण बन सकती है।


एलर्जिक राइनाइटिस क्या है?

यह नाक से जुड़ी एक एलर्जी है, जिसमें धूल, परागकण, धुआं, पालतू जानवरों के रोएं या फफूंद जैसी चीजें (एलर्जेन) नाक को ट्रिगर कर देती हैं। इसके चलते नाक में सूजन, छींकें, नाक बहना, आंखों में पानी या खुजली, और कभी-कभी गले में खराश जैसी समस्याएं होती हैं।


सुबह के समय छींकें ज्यादा क्यों आती हैं?

  • सुबह के वक्त शरीर में हिस्टामिन नामक केमिकल का लेवल बढ़ जाता है, जिससे एलर्जी रिएक्शन ज्यादा एक्टिव हो जाता है।

  • रातभर खुले खिड़की-दरवाजों से धूल, परागकण और नमी कमरे में जम जाते हैं।

  • तकिए, चादर और बिस्तर में रातभर जमा एलर्जेन भी नाक को ट्रिगर कर देते हैं।


एलर्जिक राइनाइटिस और सर्दी-जुकाम में अंतर

पहलू एलर्जिक राइनाइटिस सर्दी-जुकाम
कारण एलर्जेन (धूल, परागकण आदि) वायरस
अवधि लंबे समय तक बनी रहती है 5-7 दिन में ठीक
लक्षण छींक, आंखों में खुजली, नाक बहना बुखार, गले में खराश, शरीर दर्द
उपचार एलर्जी कंट्रोल दवाएं, बचाव वायरस के लिए आराम और दवा

किन लोगों को ज्यादा खतरा?

  • परिवार में एलर्जी का इतिहास रखने वाले लोग।

  • प्रदूषण, धूल या परागकण के संपर्क में रहने वाले।

  • कमजोर इम्यून सिस्टम, तनाव, अस्थमा के मरीज।

  • धूल-भरे कामकाज या जानवरों के बीच काम करने वाले।

  • खराब वेंटिलेशन वाले घरों में रहने वाले।


बचाव के 8 आसान तरीके

  1. एलर्जेन-प्रूफ बेडिंग का इस्तेमाल करें।

  2. बेडरूम की हवा साफ और नमी-रहित रखें।

  3. सोने से पहले शावर लें ताकि शरीर पर एलर्जेन न रह जाएं।

  4. पालतू जानवरों को बेडरूम में न आने दें।

  5. हफ्ते में एक बार बेडिंग गर्म पानी से धोएं।

  6. बाहर जाते समय मास्क पहनें।

  7. खिड़कियां बंद रखें, खासकर परागकण सीजन में।

  8. जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से एंटीहिस्टामिन लें।


कब डॉक्टर से संपर्क करें?

अगर छींक, नाक बंद होना या आंखों में पानी लगातार परेशान कर रहा है, तो डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। डॉ. राजकुमार (पल्मोनोलॉजिस्ट) के अनुसार, सही टेस्ट और इलाज से इस परेशानी को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है।


इलाज के विकल्प

  • एंटीहिस्टामिन दवाएं: छींक और खुजली कम करती हैं।

  • नेजल स्प्रे (स्टेरॉयड): नाक की सूजन और ब्लॉकेज घटाता है।

  • सलाइन वॉश: नाक को साफ कर एलर्जेन हटाता है।

  • इम्यूनोथेरेपी (एलर्जी शॉट्स/ड्रॉप्स): लंबे समय में एलर्जेन के प्रति संवेदनशीलता घटाती है।


क्या यह पूरी तरह ठीक हो सकता है?

एलर्जिक राइनाइटिस का स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन सही देखभाल और दवाओं से इसे पूरी तरह कंट्रोल किया जा सकता है। ध्यान रखें, समय पर ध्यान न देने पर यह साइनस इंफेक्शन या अस्थमा जैसी समस्याएं बढ़ा सकता है।


निष्कर्ष:
सुबह-सुबह छींकने को हल्के में न लें। यह केवल मौसम या प्रदूषण का असर नहीं, बल्कि एलर्जिक राइनाइटिस का संकेत हो सकता है। सही समय पर सावधानी बरतकर और डॉक्टर की मदद लेकर आप इस परेशानी को आसानी से कंट्रोल कर सकते हैं।

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