पंजाब इन दिनों बाढ़ की मार झेल रहा है। गांव-गांव पानी से घिर चुके हैं, लोग खाने-पीने और इलाज जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए तरस रहे हैं। आसमान से लगातार बरस रही बारिश ने हालात और बिगाड़ दिए हैं। इसी बीच भाखड़ा-ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) सामने आया और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मुद्दे पर अपना पक्ष रखा।
BBMB चेयरमैन मनोज त्रिपाठी ने कहा कि इतिहास में पहली बार ब्यास नदी में इतना पानी आया है। उन्होंने बताया कि पिछले साल 2023 में भी बाढ़ की स्थिति बनी थी, लेकिन इस बार 20 प्रतिशत ज्यादा पानी आया है।
“खतरे की कोई बात नहीं”
त्रिपाठी ने भरोसा दिलाया कि फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है। बांधों की क्षमता और सुरक्षा को लेकर पूरा ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने कहा –
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जब भी बांधों से पानी छोड़ा जाता है, तो राज्य सरकारों और एजेंसियों को पहले ही नोटिस दे दिया जाता है।
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पानी का बहाव जलाशय नियमों के हिसाब से नियंत्रित किया जाता है।
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केंद्र सरकार, केंद्रीय जल आयोग और संबंधित राज्यों के बीच समन्वय लगातार बना हुआ है।
“अगर बांध न होते तो जून से ही तबाही”
बीबीएमबी का सबसे चौंकाने वाला दावा यही रहा। त्रिपाठी ने कहा कि मौसम विभाग (IMD) ने अप्रैल में ही अनुमान लगाया था कि इस बार अच्छी बारिश होगी। अगर भाखड़ा और पौंग जैसे बांध न होते तो पंजाब में जून महीने से ही बाढ़ की तबाही शुरू हो जाती।
उन्होंने समझाया कि –
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बांध पानी को रोककर नियंत्रित करते हैं।
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लेकिन जब सामान्य से दोगुना पानी आता है तो बांध सिर्फ आधा ही रोक पाते हैं।
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बाकी पानी को सुरक्षित तरीके से छोड़ना ही पड़ता है।
बांधों की सुरक्षा पर जोर
त्रिपाठी ने यह भी साफ किया कि बांधों की सुरक्षा को लेकर लगातार समीक्षा की जा रही है। पौंग बांध से पानी नियंत्रित तरीके से छोड़ा जा रहा है ताकि पंजाब और आसपास के इलाकों को ज्यादा नुकसान न हो।
निचोड़
पंजाब में बाढ़ का संकट गहराता जा रहा है। लेकिन BBMB का कहना है कि हालात काबू में हैं और घबराने की जरूरत नहीं है। बड़ा संदेश यही है कि अगर ये बांध न होते तो पंजाब में तबाही महीनों पहले ही शुरू हो जाती।