भारत में त्योहारों का मौसम सिर्फ रोशनी और जश्न का ही नहीं, बल्कि बड़ी खरीदारी का भी समय होता है। गणेश चतुर्थी से लेकर दिवाली और क्रिसमस तक, यही वह दौर है जब कार कंपनियाँ और डीलरशिप सबसे आकर्षक ऑफ़र लेकर आती हैं। अगर आप भी इस फेस्टिव सीजन में नई कार खरीदने का मन बना रहे हैं, तो इन बातों का ध्यान रखकर आप फायदे में रह सकते हैं।
1. बजट पर टिके रहें
त्योहारी छूट और स्कीम्स देखकर अक्सर लोग तय बजट से बाहर चले जाते हैं। याद रखें कि कार की कीमत सिर्फ शोरूम तक सीमित नहीं होती। बीमा, रजिस्ट्रेशन, एक्सेसरीज़, फ्यूल और मेंटेनेंस की लागत भी जोड़नी होगी। पहले से तय बजट पर टिके रहना ही समझदारी है।
2. ऑफ़र्स को समझदारी से देखें
फेस्टिव सीजन में कंपनियाँ नकद छूट, एक्सचेंज बोनस, ज़ीरो डाउन पेमेंट या कम ब्याज वाली ईएमआई जैसी स्कीम्स देती हैं। लेकिन हर ऑफ़र फायदेमंद हो, यह ज़रूरी नहीं। उदाहरण के लिए, शून्य डाउन पेमेंट ऑफ़र का मतलब हो सकता है कि आपकी ईएमआई ज़्यादा होगी। इसलिए बैंकों और डीलरशिप के विकल्पों की तुलना जरूर करें।
3. लोन और ब्याज दर पर रिसर्च करें
भारत में ज़्यादातर लोग कार लोन से खरीदते हैं। डीलर के ऑफ़र पर जाने से पहले अपना CIBIL स्कोर चेक करें और बैंक से ब्याज दरों की तुलना करें। त्योहारों के दौरान प्रोसेसिंग फीस माफ या ब्याज दर थोड़ी कम मिल सकती है।
4. लॉन्ग टर्म खर्चों को ध्यान में रखें
कार खरीदना सिर्फ एक बार का खर्चा नहीं है, यह एक लंबी जिम्मेदारी है। ऐसी कार चुनें जो आपकी लाइफ़स्टाइल के अनुकूल हो। अगर आपकी ड्राइविंग ज़्यादातर शहर तक सीमित है, तो ईंधन-किफ़ायती हैचबैक SUV से बेहतर विकल्प हो सकता है। साथ ही, रीसेल वैल्यू, सर्विस नेटवर्क और स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता को भी ध्यान में रखें।
5. रिसर्च और टेस्ट ड्राइव ज़रूरी
त्योहारों की भीड़ और ऑफर्स के दबाव में आकर जल्दीबाज़ी में फैसला न लें। टेस्ट ड्राइव करें, ऑनलाइन रिव्यू पढ़ें और मौजूदा कार मालिकों से राय लें। चूँकि कार कई सालों तक आपके साथ रहेगी, इसलिए समय लेकर सही चुनाव करना जरूरी है।
✅ निष्कर्ष:
फेस्टिव सीजन में कार खरीदना सचमुच एक शानदार अनुभव हो सकता है, बशर्ते आप भावनाओं के साथ-साथ प्रैक्टिकल पहलुओं पर भी ध्यान दें। सही बजट तय करें, ऑफ़र्स को परखें और रिसर्च के बाद ही फैसला लें। ऐसा करने पर आपकी नई कार सिर्फ खुशी ही नहीं, बल्कि मानसिक शांति भी लेकर आएगी।