दिल्ली में विपक्षी दलों ने भारत-चीन संबंधों और टैरिफ विवाद को लेकर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की थी। आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने सवाल उठाया कि केंद्र सरकार चीन के सामने क्यों कमजोर दिख रही है।
हालांकि, इस मुद्दे पर जोर पकड़ने से पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान ने स्थिति बदल दी और विपक्ष का हमला ठंडा पड़ गया।
सौरभ भारद्वाज के आरोप
सौरभ भारद्वाज ने सोशल मीडिया पर लिखा कि भारत के सीडीएस जनरल चौहान कह रहे हैं कि चीन से अनसुलझा सीमा विवाद भारत की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।
उन्होंने सवाल उठाया:
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क्या केंद्र सरकार चीन के सामने झुक रही है?
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क्या अमेरिका के दबाव में भारत अपने सुरक्षा और आत्म-सम्मान से समझौता कर रहा है?
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पाकिस्तान को हथियार देने वाले चीन से दोस्ती कैसे संभव है?
ट्रंप ने पीएम मोदी को दोस्त बताया
कुछ घंटों के भीतर ही डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पीएम मोदी की तारीफ कर विपक्ष के आरोपों को कमजोर कर दिया।
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ट्रंप ने पीएम मोदी को अच्छा दोस्त बताया।
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पीएम मोदी ने भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि वह संयुक्त दृष्टिकोण और वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को महत्व देते हैं।
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दोनों देशों के रिश्ते सकारात्मक और दूरदर्शी हैं।
मनजिंदर सिरसा और मनोज तिवारी का रिएक्शन
मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने ट्रंप के बयान की सराहना करते हुए कहा कि यह भारत-अमेरिका दोस्ती में पीएम मोदी की अहम भूमिका को दर्शाता है।
बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने किसी भी देश के दबाव में भारतीय किसानों और हितों से समझौता नहीं किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि मोदी जी ने सभी देशों के साथ पारदर्शी और बेदाग संबंध बनाए हैं।
निष्कर्ष
ट्रंप के बयान ने AAP और विपक्ष के आरोपों को कमजोर कर दिया। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत सुरक्षा, कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय रिश्तों में संतुलित और मजबूत स्थिति में बना हुआ है।