नई दिल्ली। चुनाव आयोग (ECI) पूरे देश में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) यानी वोटर लिस्ट का व्यापक वेरिफिकेशन करने की तैयारी कर रहा है। इसको लेकर 10 सितंबर को दिल्ली में बैठक बुलाई गई है। बैठक में सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) शामिल होंगे और देशभर में SIR प्रक्रिया को लागू करने की रणनीति पर चर्चा होगी।
ECI ने बताया कि बिहार के बाद इस प्रक्रिया को पूरे देश में लागू किया जाएगा। साल के अंत तक यह वेरिफिकेशन शुरू हो सकता है, ताकि 2026 में असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट पूरी तरह अपडेट हो।
SIR का उद्देश्य
चुनाव आयोग का कहना है कि SIR का मकसद वोटर लिस्ट को सटीक और अपडेटेड बनाना है। इसमें अवैध मतदाता जैसे मृत व्यक्ति, विदेशी नागरिक या स्थानांतरित मतदाता को हटाना शामिल है। कुछ राज्यों में बांग्लादेश और म्यांमार से आए प्रवासियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।
कैसे होगा वेरिफिकेशन
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बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर जाकर प्री-फील्ड फॉर्म (मतदाता की जानकारी और दस्तावेज) जमा करेंगे।
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ऑनलाइन विकल्प: कोई भी व्यक्ति ECI की वेबसाइट से फॉर्म डाउनलोड कर भर सकता है।
वोटर स्क्रीनिंग के नियम:
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2003 की लिस्ट में नाम है → केवल फॉर्म भरना होगा, दस्तावेज नहीं।
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1 जुलाई 1987 से पहले जन्म → जन्मतिथि या जन्मस्थान प्रमाण।
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1 जुलाई 1987 – 2 दिसंबर 2004 के बीच जन्म → जन्मतिथि + जन्मस्थान दोनों प्रमाण।
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2 दिसंबर 2004 के बाद जन्म → जन्मतिथि, जन्मस्थान और माता-पिता के दस्तावेज।
विरोध और विवाद
बिहार में SIR प्रक्रिया का विपक्ष ने विरोध किया था। 9 जुलाई को महागठबंधन ने बंद का आह्वान किया, 7 शहरों में ट्रेनों को रोका और 12 राष्ट्रीय राजमार्ग जाम किए। पटना में राहुल गांधी ने कहा था कि यह गरीबों के वोट छीनने का तरीका है।
संसद का मानसून सत्र (21 जुलाई – 21 अगस्त) के दौरान भी विपक्ष ने SIR का विरोध जारी रखा। हंगामे और विरोध के कारण अंतिम दिन भी सदन की कार्यवाही पूरी नहीं हो सकी।