बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। कैबिनेट बैठक में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के मानदेय में बढ़ोतरी को मंजूरी मिल गई है। इसे महिलाओं के लिए आर्थिक सशक्तिकरण का कदम भी माना जा रहा है और साथ ही आगामी चुनावों को देखते हुए इसे एक रणनीतिक राजनीतिक चाल के रूप में भी देखा जा रहा है।
कितना बढ़ा मानदेय?
-
आंगनबाड़ी सेविकाएं: ₹6,500 से बढ़ाकर ₹8,000 प्रति माह
-
सहायिकाएं: ₹3,250 से बढ़ाकर ₹4,000 प्रति माह
-
मिनी आंगनबाड़ी सेविकाएं: उन्हें भी बढ़ा हुआ लाभ मिलेगा।
यह बढ़ोतरी जल्द ही लागू होगी और इसके लिए सरकार अलग से बजट का प्रावधान करेगी।
महिलाओं को सीधा फायदा
बिहार में 2.5 लाख से ज्यादा आंगनबाड़ी सेविकाएं और सहायिकाएं सक्रिय हैं। ये महिलाएं ग्रामीण और शहरी इलाकों में गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों और किशोरियों को पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराती हैं। लंबे समय से ये कर्मचारी मानदेय वृद्धि की मांग कर रही थीं, जिसे अब जाकर सरकार ने पूरा किया है।
चुनावी असर
विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला चुनाव से ठीक पहले आया है, जिससे सरकार को महिला मतदाताओं का समर्थन मिल सकता है। बिहार में महिला वोटरों की संख्या लगातार बढ़ रही है और उन्हें साधना हर दल की रणनीति का अहम हिस्सा है। ऐसे में यह कदम गरीब और मध्यमवर्गीय महिलाओं तक सरकार की पकड़ मजबूत करने में कारगर हो सकता है।
कुल मिलाकर, नीतीश सरकार का यह कदम एक साथ सामाजिक कल्याण और राजनीतिक रणनीति दोनों की मिसाल है। महिलाओं के हाथ में ज्यादा आय पहुंचाकर जहां परिवारों को आर्थिक सहारा मिलेगा, वहीं चुनावी समीकरणों पर भी इसका सीधा असर देखने को मिल सकता है।