सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मंगलवार को ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (AIMA) के कार्यक्रम में कहा कि सेना के लिए भी आत्मनिर्भर भारत बनाना बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि पहले संघर्ष के समय 100 किलोमीटर रेंज वाले हथियार पर्याप्त थे, लेकिन आज 300 किलोमीटर या उससे अधिक रेंज वाले हथियार की आवश्यकता है।
जनरल द्विवेदी ने आगे कहा कि विरोधियों की तकनीकी क्षमता लगातार बढ़ रही है, इसलिए हमें विदेशी हथियारों पर हमेशा निर्भर नहीं रहना चाहिए। अपनी क्षमता पर भरोसा और निरंतर मजबूती ही सेना को भविष्य के युद्धों के लिए तैयार कर सकती है।
ऑपरेशन सिंदूर पर सेना प्रमुख की टिप्पणी
सेना प्रमुख ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा कि कुछ लोगों ने इसे “चार दिन का टेस्ट मैच” बताया, लेकिन युद्ध के बारे में पहले से कोई निश्चित जानकारी नहीं होती। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ था, तब किसी को नहीं पता था कि यह इतना लंबा चलेगा। वहीं, ईरान-इराक युद्ध लगभग 10 साल तक चला।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि युद्ध हमेशा अनिश्चित और अप्रत्याशित होता है।
नई तकनीक और भविष्य की तैयारी
जनरल द्विवेदी ने कहा कि आने वाले समय में सेना में नई तकनीक वाले हथियारों को शामिल करने पर जोर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि भारत राइफल से लेकर लेजर हथियारों तक अपने हथियारों के आधुनिकरण की दिशा में काम कर रहा है। इसके अलावा, ऐसे टैंक और उपकरण सेना में लाए जा रहे हैं जो स्वचालित और बिना किसी व्यक्ति के संचालित हो सकते हैं।
सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि सेना के लिए नए हेलिकॉप्टरों की खरीद पर काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि हाल ही में इस सिलसिले में उन्होंने विदेश यात्रा भी की थी। साथ ही, सैनिकों की सुरक्षा और जीवन स्तर बेहतर बनाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है।