एचडीएफसी बैंक ने हाल ही में अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-आधारित लेंडिंग रेट (MCLR) में 5 बेसिस पॉइंट तक की कटौती की है। इस बदलाव का सीधा असर लोन ईएमआई पर पड़ेगा और ग्राहकों की मासिक किस्तें थोड़ी कम हो जाएंगी।
नई MCLR दरें
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6 महीने और 1 साल का MCLR अब 8.65% (पहले 8.70%)
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2 साल का MCLR घटकर 8.70% (पहले 8.75%)
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3 महीने का MCLR 8.60%
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3 साल का MCLR 8.75%
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ओवरनाइट और 1 महीने का MCLR 8.55% पर स्थिर
EMI पर असर
इस कटौती से होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन जैसी कई कर्जों की ईएमआई थोड़ी कम होगी। हालांकि यह राहत केवल सीमित टेन्योर वाले लोन पर लागू है, फिर भी लाखों ग्राहकों को मासिक किस्त में बचत महसूस होगी।
दो महीने में दूसरी कटौती
एचडीएफसी बैंक ने दो महीने के भीतर यह दूसरी बार MCLR घटाई है। जुलाई 2025 में बैंक ने 30 बेसिस पॉइंट तक बड़ी कटौती की थी।
दरें घटाने का कारण
भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी रेपो रेट 5.5% पर स्थिर रखी है। फरवरी 2025 से अब तक आरबीआई ने कुल 100 बेसिस पॉइंट की कटौती की है। इसके चलते बैंकों को भी लोन रेट एडजस्ट करने का दबाव था।
लोनधारकों के लिए राहत
विशेषज्ञों का कहना है कि ब्याज दरों में गिरावट न केवल मौजूदा लोनधारकों के लिए राहत है, बल्कि नए कर्ज लेने वालों के लिए भी सुविधाजनक माहौल बनेगा।