एशिया कप में भारत और यूएई के बीच खेले गए मुकाबले में नतीजे से ज्यादा चर्चा उस पल की हो रही है, जब भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने खेल भावना का ऐसा परिचय दिया, जिसने क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीत लिया।
क्या था पूरा मामला?
यूएई की पारी के 13वें ओवर में शिवम दुबे की गेंद पर बल्लेबाज़ जुनैद सिद्दीकी चूक गए। विकेटकीपर संजू सैमसन ने फुर्ती दिखाते हुए गेंद उठाकर सीधा स्टंप पर मार दी। थर्ड अंपायर ने रीप्ले देखने के बाद सिद्दीकी को आउट करार दे दिया क्योंकि उनका पैर क्रीज से बाहर था।
लेकिन तभी सूर्यकुमार यादव ने ऑन-फील्ड अंपायर से बात की और अपील वापस ले ली। इस फैसले ने हर किसी को चौंका दिया। दिलचस्प बात यह रही कि सिद्दीकी अगले ही गेंद पर कैच आउट होकर पवेलियन लौट गए।
खेलभावना की मिसाल
मैच तो भारत ने आसानी से जीत लिया। यूएई की टीम महज़ 57 रन पर सिमट गई और भारत ने लक्ष्य महज 4.3 ओवर में हासिल कर लिया। यह भारत की T20I इतिहास की सबसे तेज़ जीत रही।
फिर भी सोशल मीडिया और क्रिकेट गलियारों में सबसे ज्यादा चर्चा सूर्यकुमार के इसी फैसले को लेकर रही।
एक्सपर्ट्स ने क्या कहा?
क्रिकेट एक्सपर्ट आकाश चोपड़ा ने कहा कि यह फैसला पूरी तरह मैच की स्थिति पर आधारित था। अगर यही वाकया किसी बड़े मुकाबले (जैसे पाकिस्तान के खिलाफ) में होता और खेल संतुलन में होता, तो शायद अपील वापस न ली जाती। नियम साफ कहते हैं कि अगर बल्लेबाज़ क्रीज से बाहर है तो वह आउट है।
उन्होंने जोड़ा, “खेल भावना नियमों में लिखी नहीं जाती। यह उसी तरह है जैसे कोई बल्लेबाज़ खुद ही आउट मानकर लौट जाए। लेकिन यह पूरी तरह व्यक्तिगत सोच पर निर्भर करता है।”
भारत की शानदार जीत
मैच में कुलदीप यादव ने एक ओवर में 3 विकेट झटके और दुबे ने भी तीन बल्लेबाज़ों को पवेलियन भेजा। बल्लेबाज़ी में अभिषेक शर्मा (30 रन) और शुभमन गिल (20 नाबाद) ने ताबड़तोड़ खेल दिखाया।
लेकिन इस पूरे मुकाबले से बड़ी कहानी यही रही कि कप्तान सूर्यकुमार यादव ने साबित कर दिया कि क्रिकेट सिर्फ रन और विकेट का खेल नहीं है, बल्कि यह खेल भावना और इंसानियत का भी मंच है।