उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने वक्फ संपत्तियों के डिजिटलीकरण को लेकर बड़ा कदम उठाया है। राज्य की सभी सुन्नी वक्फ संपत्तियों को 5 दिसंबर तक ‘उम्मीद’ पोर्टल (umeed.minorityaffairs.gov.in) पर दर्ज करने का आदेश जारी किया गया है। निर्धारित समयसीमा का पालन न करने पर मुतवल्लियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने भी साफ कर दिया है कि अब और ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी। इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों पर हो रहे अवैध कब्जों और गड़बड़ियों पर रोक लगाना है।
पारदर्शिता की दिशा में बड़ा कदम
यह पहल केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार की पारदर्शिता नीति का हिस्सा है। ‘उम्मीद’ पोर्टल पर अपलोड किए जाने वाले रिकॉर्ड्स से संपत्तियों की सही जानकारी उपलब्ध होगी और उनकी आय का उपयोग निर्धारित मदों में ही हो सकेगा। बोर्ड का मानना है कि इससे वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जों को रोकने में भी मदद मिलेगी।
अपलोड करने की प्रक्रिया
पोर्टल पर संपत्ति का विवरण डालते समय स्थान, क्षेत्रफल, उपयोग, किराएदार और प्रबंधक की जानकारी दर्ज करनी होगी। मुतवल्लियों की सुविधा के लिए पोर्टल पर वीडियो गाइड और यूजर मैनुअल भी उपलब्ध कराए गए हैं।
वक्फ संशोधन बिल 2024 का संदर्भ
हाल ही में केंद्र सरकार ने वक्फ अधिनियम, 1995 में बदलाव के लिए वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 संसद में पेश किया है। इस बिल का मकसद वक्फ बोर्ड की असीमित शक्तियों पर रोक लगाना और प्रबंधन में पारदर्शिता लाना है।
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अब किसी सरकारी जमीन को वक्फ घोषित करने से पहले कलेक्टर की जांच जरूरी होगी।
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सभी वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण और उन्हें केंद्रीय डेटाबेस पर अपलोड करना अनिवार्य होगा।
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वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ सीधे हाईकोर्ट में अपील करने का अधिकार मिलेगा।
कुल मिलाकर यह कदम दिखाता है कि योगी सरकार वक्फ संपत्तियों पर हो रहे कुप्रबंधन को समाप्त कर, उनकी सुरक्षा और सही उपयोग सुनिश्चित करने के लिए गंभीर है।