सीपी राधाकृष्णन ने संभाली उपराष्ट्रपति की कमान: 15वें उपराष्ट्रपति बने, सितंबर 2030 तक रहेगा कार्यकाल

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रायपुर/दिल्ली। भारत को नया उपराष्ट्रपति मिल गया है। चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन (सीपी राधाकृष्णन) ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में देश के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। उनका कार्यकाल 11 सितंबर 2030 तक चलेगा।

इस ऐतिहासिक मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद रहे। पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और वेंकैया नायडू भी समारोह में शामिल हुए। खास बात यह रही कि इस्तीफे के 53 दिन बाद पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी पहली बार किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में नजर आए।


शपथ के बाद पहली बैठक

समारोह के तुरंत बाद उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने राज्यसभा के नेताओं के साथ बैठक बुलाई, जिसकी घोषणा एक दिन पहले ही की गई थी।


कैसे बने उपराष्ट्रपति?

9 सितंबर को हुए चुनाव में एनडीए उम्मीदवार राधाकृष्णन ने विपक्षी प्रत्याशी बी. सुदर्शन रेड्डी को हराकर जीत दर्ज की थी। उन्हें 452 वोट मिले, जबकि रेड्डी को 300 वोट मिले। इस तरह राधाकृष्णन ने 152 वोटों के अंतर से शानदार जीत दर्ज की।

  • कुल 781 सांसदों में से 767 ने वोट डाले।

  • इनमें से 752 वोट मान्य रहे, 15 अमान्य घोषित हुए।

  • राधाकृष्णन को उम्मीद से 14 वोट ज्यादा मिले, जिससे विपक्षी खेमे में क्रॉस-वोटिंग की चर्चा तेज है।

  • 13 सांसदों ने मतदान से दूरी बनाई, जिनमें BJD, BRS और अकाली दल के सांसद शामिल रहे।


जगदीप धनखड़ की वापसी

पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, जिन्होंने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया था, शपथ ग्रहण समारोह में नजर आए। वे पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के साथ बैठे दिखे। समारोह के बाद राधाकृष्णन ने धनखड़ से जाकर मुलाकात भी की।


राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर

  • RSS से शुरुआती जुड़ाव: वे महज 16 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े और 1974 में जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी में जगह बनाई।

  • दो बार सांसद: 1998 और 1999 में कोयम्बटूर से भाजपा सांसद चुने गए।

  • तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष: 2004 से 2007 तक प्रदेश अध्यक्ष रहे, इस दौरान 19,000 किमी लंबी रथयात्रा निकाली।

  • केंद्रीय मंत्री बनने से चूके: नामों की समानता के चलते पद किसी और को चला गया, लेकिन उन्होंने संगठन में सक्रियता बनाए रखी।

  • संयुक्त राष्ट्र प्रतिनिधिमंडल: 2004 में भारत की ओर से UN महासभा में शामिल हुए।

  • कॉयर बोर्ड चेयरमैन: उनके नेतृत्व में भारत का कॉयर निर्यात 2,532 करोड़ रुपए तक पहुंचा।

  • केरल प्रभारी: 2020-22 तक भाजपा के केरल मामलों की जिम्मेदारी संभाली।


पारिवारिक जीवन

राधाकृष्णन की पत्नी का नाम आर. सुमति है। उनके एक बेटा और एक बेटी हैं। परिवार के बारे में सार्वजनिक जानकारी सीमित है।


एक नया अध्याय

तमिलनाडु की राजनीति से राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचे राधाकृष्णन अब देश के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। उनके शपथ ग्रहण के साथ ही यह उम्मीद भी बढ़ी है कि वे संसद में संवाद और सद्भावना की नई मिसाल कायम करेंगे।

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