दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने टीवी अभिनेता आशीष कपूर को कथित बलात्कार मामले में जमानत प्रदान कर दी है। कोर्ट ने उन्हें एक लाख रुपये के जमानत बांड और उतनी ही राशि के सिक्योरिटी बांड जमा करने की शर्त पर राहत दी।
गिरफ्तारी से लेकर जमानत तक का सफर
आशीष कपूर को 2 सितंबर को पुणे (महाराष्ट्र) से गिरफ्तार किया गया था। 6 सितंबर को उन्हें अदालत में पेश कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था।
लेकिन अब अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (ASJ) भूपिंदर सिंह ने मामले से जुड़े सबूत, वकीलों की दलीलें और सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला कि जांच के लिए आरोपी की मौजूदगी आवश्यक नहीं है। इसी आधार पर उन्हें जमानत मिल गई।
कोर्ट की सख्त टिप्पणियां
जमानत आदेश देते समय कोर्ट ने जांच एजेंसी की खामियों पर भी सवाल उठाए। अदालत ने कहा कि पुलिस कस्टडी रिमांड के बावजूद आरोपी का मोबाइल फोन जब्त करने की कोई गंभीर कोशिश नहीं की गई। यहां तक कि घर या अन्य स्थानों की तलाशी भी नहीं ली गई।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि रिकॉर्ड में ऐसा कुछ नहीं है जिससे यह साबित हो कि आशीष कपूर ने जांच में सहयोग नहीं किया।
वकीलों की दलील
आशीष कपूर की तरफ से वकील दीपक शर्मा, रवीश डेढ़ा, राजन ओबेरॉय और सोमेश ओबेरॉय ने अदालत में पक्ष रखा।
उन्होंने कहा कि यह मामला केवल पैसे वसूलने की नीयत से गढ़ा गया है। शिकायतकर्ता ने इसी साल जनकपुरी थाने में अपने मकान मालिक के खिलाफ भी शिकायत की थी।
वकीलों ने यह भी दलील दी कि इस केस में कथित सह आरोपी कपिल गुप्ता को पहले ही अग्रिम जमानत मिल चुकी है। ऐसे में आशीष कपूर की पुलिस रिमांड का कोई औचित्य नहीं है।
पूरा मामला क्या है?
दिल्ली पुलिस ने 11 अगस्त 2025 को आशीष कपूर और अन्य के खिलाफ बलात्कार, सामूहिक बलात्कार और चोट पहुँचाने से जुड़ी धाराओं के तहत केस दर्ज किया था।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि आशीष कपूर के पड़ोस में एक पार्टी हुई थी, जहां उसकी पहली बार आशीष और उसके दोस्तों से मुलाकात हुई। आरोप है कि पार्टी के दौरान उसके पेय पदार्थ में कुछ मिलाकर पिलाया गया, जिससे वह बेहोश हो गई। इसके बाद उसे खींचकर शौचालय में ले जाया गया और वहां उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया।
अब जमानत मिलने के बाद आशीष कपूर फिलहाल जेल से बाहर आ जाएंगे, लेकिन मामला अभी अदालत में लंबित है। अगली सुनवाई में यह साफ होगा कि इस केस का कानूनी अंजाम क्या होगा।