मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शनिवार सुबह मंदसौर के गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट पहुंचे, जहां वे हॉट एयर बैलून की सवारी करने वाले थे। लेकिन तेज हवा और तकनीकी दिक्कतों की वजह से बैलून उड़ान नहीं भर पाया। इसी दौरान उसके निचले हिस्से में अचानक आग भड़क उठी।
फौरन मौजूद कर्मचारियों ने आग पर काबू पाया और सुरक्षा दल ने मुख्यमंत्री को सुरक्षित रखा। जिस ट्रॉली में सीएम सवार थे, उसे सुरक्षाकर्मियों ने मजबूती से थामे रखा। इस वजह से कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।
बैलून में आग लगते ही अफरा-तफरी
सुबह हवा की गति करीब 20 किलोमीटर प्रति घंटा थी, जबकि बैलून उड़ाने के लिए शून्य हवा की स्थिति आदर्श मानी जाती है। जैसे ही बैलून में एयर भरी जा रही थी, वह झुक गया और नीचे से आग पकड़ ली। उस वक्त सीएम मोहन यादव सांसद सुधीर गुप्ता के साथ ट्रॉली में बैठे थे। निचले हिस्से में आग फैलते ही सुरक्षा टीम तुरंत सक्रिय हुई और हालात को काबू में कर लिया।
प्रशासन और एक्सपर्ट्स का बयान
मंदसौर कलेक्टर अदिति गर्ग ने कहा कि कार्यक्रम में सुरक्षा मानकों का पूरा पालन किया गया था और किसी तरह की लापरवाही नहीं हुई। एक्सपर्ट्स ने बताया कि बैलून उड़ाने का सबसे सही समय सुबह 6 से 7:30 बजे तक होता है, क्योंकि उस वक्त हवा की रफ्तार न के बराबर रहती है। लेकिन मुख्यमंत्री के सवार होने के दौरान हवा 15 से 20 किमी प्रतिघंटा की स्पीड से चल रही थी, जिससे बैलून उड़ नहीं सका।
गांधीसागर फेस्टिवल में सीएम का अनुभव
शुक्रवार शाम को मुख्यमंत्री ने गांधीसागर फेस्टिवल के चौथे संस्करण की शुरुआत की थी। नाइट स्टे के बाद शनिवार सुबह उन्होंने रिट्रीट में बोटिंग का आनंद लिया और हॉट एयर बैलून की सवारी के लिए पहुंचे थे। हादसा टलने के बाद उन्होंने कहा—
“गांधीसागर किसी महासागर से कम नहीं है। यहां प्राकृतिक संपदा और वन्यजीव मौजूद हैं। पर्यटकों के लिए यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं। विदेश जाने की जरूरत नहीं, हमारे पास खुद ऐसी धरोहरें हैं।”
कुल मिलाकर, तेज हवा और अचानक लगी आग के बावजूद सुरक्षाकर्मियों और कर्मचारियों की सतर्कता से मुख्यमंत्री सुरक्षित रहे और कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई।
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