अगर आपके पास स्टार हेल्थ इंश्योरेंस की पॉलिसी है तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। अस्पतालों के संगठन एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया (AHPI) ने चेतावनी दी है कि 22 सितंबर से कंपनी की कैशलेस सुविधा बंद की जा सकती है।
क्यों हो सकती है कैशलेस सेवा बंद?
AHPI का कहना है कि स्टार हेल्थ इंश्योरेंस के साथ कई गंभीर समस्याएँ लंबे समय से बनी हुई हैं:
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कई सालों से टैरिफ को हेल्थकेयर महंगाई के हिसाब से अपडेट नहीं किया गया।
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पुराने टैरिफ पर काम करने के साथ-साथ उसे और कम करने का दबाव।
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अस्पतालों के बिलों में बिना वजह कटौती।
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फाइनल अप्रूवल के बाद भी कई बार क्लेम रिजेक्ट कर देना।
मरीजों पर बढ़ रही दिक्कतें
AHPI ने आरोप लगाया कि कंपनी इलाज के दौरान गैर-जरूरी सवाल पूछती है, डॉक्टरों के फैसलों पर शक करती है और कई बार अचानक कैशलेस सुविधा हटा देती है। इससे मरीजों और उनके परिवारों को आर्थिक और मानसिक परेशानी झेलनी पड़ रही है।
गलत प्रैक्टिस का भी आरोप
AHPI ने यह भी दावा किया है कि स्टार हेल्थ और कुछ अन्य इंश्योरेंस कंपनियां मिलकर अस्पतालों के टैरिफ को दबाने के लिए कलेक्टिव बार्गेनिंग करती हैं। यह प्रैक्टिस एंटी-कॉम्पिटिटिव मानी जाती है।
AHPI के डायरेक्टर जनरल डॉ. गिरधर ग्यानी ने कहा,
“हमारी जायज़ शिकायतों का समाधान कंपनी नहीं कर रही। ऐसी अनुचित नीतियों की वजह से हमें कैशलेस सेवा बंद करने जैसे सख्त कदम उठाने पड़ सकते हैं।”
पहले भी हो चुका है विवाद
यह पहली बार नहीं है जब AHPI ने ऐसा कदम उठाया हो। इससे पहले उन्होंने बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस की कैशलेस सुविधा रोकने की घोषणा की थी, हालांकि बाद में बातचीत के बाद यह टल गया।
लेकिन इस बार अगर स्टार हेल्थ ने मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं की तो 22 सितंबर से लाखों ग्राहकों को कैशलेस इलाज की सुविधा नहीं मिल पाएगी।