MPPSC 2024 की परीक्षा में देवांशु शिवहरे ने विजयपुर जिले का नाम रोशन करते हुए राज्य में टॉप रैंक हासिल किया। सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखने वाले युवाओं के लिए यह कहानी प्रेरणा का स्रोत है। देवांशु ने 1685 में से 953 अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान हासिल किया।
गांव से टॉपर तक की यात्रा
देवांशु के पिता रामकृष्ण शिवहरे विजयपुर सिविल अस्पताल में नेत्र चिकित्सक सहायक हैं, जबकि मां पूनम शिवहरे नर्सिंग ऑफिसर हैं। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा विजयपुर में पूरी की और 12वीं तक रायसेन जिले के नवोदय विद्यालय बाड़ी में पढ़ाई की। इसके बाद देवी अहिल्याबाई यूनिवर्सिटी, इंदौर से सिविल इंजीनियरिंग (B.Tech) की डिग्री ली।
बिना कोचिंग, घर से तैयारी
देवांशु ने सिविल सेवा को अपना लक्ष्य बनाया और किसी कोचिंग संस्थान में दाखिला लिए बिना घर से ही तैयारी शुरू की। उनका मार्गदर्शन उनके रिश्तेदार दीपक शिवहरे ने किया, जो खुद लंबे समय तक MPPSC की तैयारी कर चुके हैं।
पहली सफलता: MPPSC-2022
देवांशु ने पहली बार MPPSC-2022 में सफलता पाई, जब उनका चयन वाणिज्य-कर निरीक्षक (Commercial Tax Inspector) पद पर हुआ। मेन्स में 1400 में से 758 अंक लाकर उन्होंने चौथी रैंक हासिल की। हालांकि, इंटरव्यू में केवल 63 अंक मिलने के कारण फाइनल रैंक में पिछड़ गए। इस असफलता के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और तैयारी जारी रखी।
अगला लक्ष्य: IAS
MPPSC 2024 टॉप रैंक हासिल करने के बाद अब देवांशु का अगला लक्ष्य भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) है। वे UPSC की तैयारी भी कर रहे हैं। उनका मानना है, “सपने बड़े हों तो मेहनत भी बड़ी होनी चाहिए।”
परिवार का योगदान
देवांशु के माता-पिता ने हर कदम पर उनका साथ दिया। उनकी मां पूनम शिवहरे ने 2014 में नर्सिंग में ग्रेजुएशन करके नौकरी हासिल की। छोटे भाई अक्षत शिवहरे ने दिल्ली विश्वविद्यालय से B.Sc पूरी की और अब प्रशासनिक सेवा की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
देवांशु की चचेरी बहन नेहा शिवहरे PCS अधिकारी हैं, जबकि उनकी छोटी बहन महिला विकास अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। परिवार का यह शैक्षणिक माहौल देवांशु के प्रेरक सफर की मजबूती है।