धमतरी जिले में कलेक्टर अविनाश मिश्रा के निर्देश और इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के वरिष्ठ कृषि कीट विशेषज्ञ डॉ. गजेंद्र चंद्राकर के मार्गदर्शन में ग्राम राखी में महिलाओं के लिए मखाना खेती प्रायोगिक प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण महिला स्व-सहायता समूहों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
प्रशिक्षण का संचालन और नवाचार
कार्यक्रम का संचालन योगेंद्र चंदेल (पीएचडी शोधार्थी, सब्जी विज्ञान) ने किया। उन्होंने राखी मत्स्य पालन समिति के साथ मिलकर मछली सह मखाना खेती की अनूठी पहल शुरू की। यह संयोजन किसानों को दुगुना आर्थिक लाभ दिलाने की क्षमता रखता है। वर्तमान में प्रशिक्षणार्थियों द्वारा बीज निकालने और पौध तैयार करने का कार्य चल रहा है।
कृषि अनुविभागीय अधिकारी मोनेश साहू और स्थानीय कृषि विस्तार अधिकारी भी प्रशिक्षण में उपस्थित रहे और उन्होंने महिलाओं को मखाना खेती के हर पहलू से परिचित कराया।
प्रशिक्षण में क्या सीखा गया
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भूमि चयन और बीज निकालना
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पौध तैयार करना और फसल प्रबंधन
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प्रसंस्करण और विपणन की प्रक्रिया
ग्राम देमार की शैलपुत्री और नई किरण महिला स्व-सहायता समूहों की महिलाएं भी प्रशिक्षण में शामिल हुईं। इससे पहले दोनों समूहों ने कृषि विज्ञान केंद्र धमतरी से मखाना खेती की प्रारंभिक जानकारी प्राप्त की थी, लेकिन इस प्रायोगिक प्रशिक्षण से उन्हें व्यावहारिक अनुभव मिला और वे इसे अपने क्षेत्र में अपनाने के लिए प्रेरित हुईं।
विशेषज्ञों का योगदान
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कृषि उप-संचालक मोनेश साहू ने कहा कि मखाना खेती धमतरी के लिए आय का नया विकल्प हो सकती है।
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मखाना पोषण और औषधीय गुणों से भरपूर फसल है।
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प्रशिक्षण में एकानंद ढीमर, संजय नामदेव, शिवप्रसाद और उग्रसेन साहू जैसे प्रगतिशील किसान मौजूद रहे। सभी ने महिला समूहों का उत्साहवर्धन किया।
महिलाओं का प्रोत्साहन और तालाब उपलब्ध कराने की पहल
ग्राम देमार की महिला समूहों ने कलेक्टर अविनाश मिश्रा से तालाब उपलब्ध कराने की मांग रखी, ताकि वे मछली सह मखाना खेती को आगे बढ़ा सकें। कलेक्टर ने महिला समूहों से तालाबों की सूची मांगी और उन्हें मखाना खेती के लिए संपूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
भविष्य की उम्मीद
कलेक्टर मिश्रा और वैज्ञानिकों की सक्रिय भागीदारी से यह प्रशिक्षण न केवल कृषि नवाचार की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि महिला समूहों के आर्थिक सशक्तिकरण की नींव भी मजबूत करता है। उम्मीद है कि आने वाले समय में धमतरी जिले के कई गांवों में मखाना खेती बड़े पैमाने पर शुरू होगी और यह महिलाओं के आर्थिक स्वतंत्रता का नया आधार बनेगी।