डेविस कप के ग्रुप स्टेज मुकाबले में भारत ने स्विट्जरलैंड के खिलाफ पहले दिन 2-0 की मजबूत बढ़त हासिल की है। इस शानदार शुरुआत का श्रेय दक्षिणेश्वर सुरेश और सुमित नागल को जाता है।
दक्षिणेश्वर ने किया बड़ा उलटफेर
रिज़र्व खिलाड़ी दक्षिणेश्वर सुरेश ने अपने से कहीं ऊंची रैंकिंग वाले जेरोम काइम (ATP रैंक 155) को सीधे सेटों में 7-6, 6-3 से हराकर भारत को पहली जीत दिलाई। दक्षिणेश्वर की ATP रैंकिंग फिलहाल 626 है। कप्तान रोहित राजपाल ने आर्यन शाह की जगह दक्षिणेश्वर पर भरोसा जताया, और खिलाड़ी ने उम्मीदों पर खरा उतरा।
दक्षिणेश्वर ने मैच के बाद कहा:
“मैंने दबाव में शांत रहने की कोशिश की और अपनी ताकत पर भरोसा किया। पहली बार देश के लिए खेलने का बहुत दबाव था। मुझे लगता है कि मैंने इसे काफी अच्छे से संभाला।”
सुमित नागल ने भी जीता मुकाबला
दूसरे सिंगल्स मैच में सुमित नागल ने मार्क-एंड्रिया ह्यूस्लर को 6-3, 7-6 से हराकर भारत की बढ़त को मजबूत किया। इस जीत के साथ भारतीय टीम अब यूरोप में डेविस कप में यादगार जीत के करीब पहुँच गई है।
टीम को अब तीन बचे मैचों में से एक भी जीत हासिल करनी होगी, ताकि स्विट्जरलैंड के खिलाफ मुकाबला भारत के नाम हो जाए।
भारत का यूरोपीय रिकॉर्ड
पिछली बार भारत ने 1993 में यूरोप की किसी टीम को हराया था, जब लिएंडर पेस और रमेश कृष्णन की अगुआई में फ्रांस को क्वार्टर फाइनल में 3-2 से हराया गया था।
डेविस कप टेनिस का इंटरनेशनल टीम टूर्नामेंट है, जिसे अक्सर टेनिस का वर्ल्ड कप भी कहा जाता है। यह टूर्नामेंट 1900 में शुरू हुआ था और अब 150 से ज्यादा देशों की टीमें इसमें हिस्सा लेती हैं।
भारत ने तीन बार फाइनल में खेला
भारत ने डेविस कप का तीन बार रनरअप का खिताब जीता है। साल 1966, 1974 और 1987 में भारत फाइनल तक पहुंचा, लेकिन खिताब जीतने से चूक गया।