Mrs. India Asia 2025: भोपाल की डॉ. श्वेता मिश्रा बनीं एलीगेंट कैटेगरी की प्रथम रनर-अप

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दिल्ली के रैडिसन ब्लू में 14 सितंबर को सम्पन्न हुए मिसेज़ इंडिया एशिया 2025 के ग्रैंड फिनाले में भोपाल की बेटी डॉ. श्वेता मिश्रा ने एलीगेंट कैटेगरी की प्रथम रनर-अप का ताज जीतकर शहर और प्रदेश का मान बढ़ाया। इस मंच ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि फैशन सिर्फ ग्लैमर का जश्न नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण और आत्मविश्वास का प्रतीक भी है।

चार दिनों तक चला फैशन महोत्सव

फैशन मेराकी द्वारा आयोजित यह आयोजन 11 से 14 सितंबर तक चला, जिसमें एशिया के अलग-अलग हिस्सों से चुनी गईं 90 प्रतिभागियों ने भाग लिया। ग्रूमिंग सत्रों, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और विभिन्न राउंड्स के जरिए सभी ने अपनी प्रतिभा, व्यक्तित्व और बौद्धिक क्षमता का प्रदर्शन किया।

डॉ. श्वेता मिश्रा की जीत

एलीगेंट कैटेगरी विशेष रूप से उन महिलाओं को सम्मानित करती है जो परिपक्वता, सौम्यता और गरिमा का उदाहरण प्रस्तुत करती हैं। डॉ. श्वेता ने अपनी शालीनता, आत्मविश्वास और संतुलित व्यक्तित्व से निर्णायकों और दर्शकों का दिल जीत लिया। उनके इस खिताब ने उन्हें नई पहचान दी और भोपाल को राष्ट्रीय मंच पर गौरवान्वित किया।

शैक्षणिक और व्यक्तिगत पृष्ठभूमि

19 जुलाई 1977 को जन्मी श्वेता का पालन-पोषण भोपाल में हुआ। वे शरद और प्रतिभा अग्निहोत्री की बेटी हैं। सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल से शिक्षा की शुरुआत करने के बाद उन्होंने एम.एल.बी. कॉलेज से स्नातक और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से पीएचडी पूरी की। श्वेता का विवाह जबलपुर निवासी आशीष मिश्रा से हुआ और वर्तमान में वे गुरुग्राम में रहती हैं।

फैशन और रुचि की शुरुआत

श्वेता को बचपन से ही फैशन और मंचीय प्रस्तुतियों में दिलचस्पी रही है। स्कूल के दिनों में आयोजित फैशन शो में भी उन्होंने पहला स्थान हासिल किया था। शिक्षा और सामाजिक कार्यों के साथ-साथ उन्होंने अपनी इस रुचि को कभी पीछे नहीं छोड़ा और आज उनकी मेहनत रंग लाई है।

भोपाल का गर्व

इस उपलब्धि ने भोपाल के लोगों के चेहरे गर्व से रोशन कर दिए हैं। श्वेता की सफलता ने यह साबित कर दिया कि सपनों को हकीकत में बदलने के लिए जुनून और आत्मविश्वास सबसे अहम हैं।

प्रेरणा की मिसाल

डॉ. श्वेता मिश्रा की यह सफलता केवल उनकी व्यक्तिगत जीत नहीं है, बल्कि उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करने की हिम्मत रखती हैं। उन्होंने दिखा दिया कि शिक्षा, संस्कार और आत्मविश्वास के साथ हर मुकाम हासिल किया जा सकता है।

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