छत्तीसगढ़ के दो अलग-अलग इलाकों में हुए सड़क हादसों में कुल 16 गायों की मौत हुई है। पहली घटना बिलासपुर की है, जहां मंगलवार (16 सितंबर) रात रतनपुर रोड पर तेज रफ्तार ट्रक ने गायों के झुंड को कुचल दिया। इस हादसे में एक गर्भवती गाय समेत 8 गायों की जान चली गई। गर्भवती गाय का पेट फट गया, जिसमें से उसका बछड़ा बाहर आ गया। यह हादसा कोनी थाना क्षेत्र में हुआ।
दूसरी घटना दुर्ग जिले की है, जहां बाफना टोल प्लाजा के पास सड़क पर बैठे 8 गायों को कंटेनर ने कुचल दिया। इस हादसे में सभी गायें मृत हो गईं। दोनों घटनाओं के बाद हिंदू संगठनों के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया।
बिलासपुर हादसा – रात में चक्काजाम
बिलासपुर के ग्राम गतौरी स्थित सीमा फ्यूल्स के पास बिलासपुर-कोरबा नेशनल हाईवे पर मवेशियों का झुंड सड़क पर बैठा था। इसी दौरान तेज रफ्तार ट्रक चालक ने लापरवाही दिखाते हुए मवेशियों को कुचल दिया। चालक मौके से फरार हो गया।
बताया जा रहा है कि गाय तीन अलग-अलग झुंड में बैठी थीं। गर्भवती गाय का पेट फट गया और उसका बछड़ा बाहर निकल आया, दोनों की मौत हो गई। गुस्साए गौ सेवकों ने हंगामा करते हुए चक्काजाम कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कई घायल गायें देर तक तड़पती रहीं। बाद में पुलिस मौके पर पहुंची और गौ सेवकों को समझाकर हंगामा शांत किया गया। प्रशासन ने ट्रक चालक के खिलाफ जांच का भरोसा दिलाया।
दुर्ग हादसा – कंटेनर ने कुचला
दुर्ग में रात को बाफना टोल प्लाजा के पास 8 गायें कंटेनर की चपेट में आ गईं और मौके पर ही मर गईं। कंटेनर राजनांदगांव से दुर्ग की ओर आ रहा था और चालक की लापरवाही से यह हादसा हुआ।
मौके पर पहुंचे विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने चालक को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। मृत गायों को विधिवत दफनाया गया। पुलिस ने चालक को हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू की। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार ड्राइवर हादसे के समय नशे में था।
सड़क पर मवेशियों की लगातार मौत
बिलासपुर जिले में पिछले डेढ़ महीने में यह पांचवीं बड़ी घटना है। रतनपुर, मस्तूरी, बिल्हा और सिरगिट्टी क्षेत्रों में सड़क पर बैठे मवेशियों के कारण 70 से अधिक गायों की जान जा चुकी है।
बारिश के दौरान नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे पर यह घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। हाईकोर्ट ने सड़कों पर घूम रहे मवेशियों को हटाने का आदेश जारी किया है, लेकिन प्रशासन की ओर से केवल दिखावटी कार्रवाई हो रही है।
प्रशासन दावा करता है कि मवेशियों के गले में रेडियम बेल्ट लगाए जा रहे हैं और मालिकों पर एफआईआर दर्ज की जा रही है। फिर भी शहर और आसपास की सड़कों पर मवेशियों का जमावड़ा जारी है।