बॉलीवुड अभिनेत्री दिशा पटानी के बरेली स्थित घर पर फायरिंग करने वाले दोनों शूटरों का खौफ अब खत्म हो गया है। यूपी एसटीएफ और दिल्ली पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में गाजियाबाद के ट्रोनिका सिटी में हुई मुठभेड़ के दौरान दोनों आरोपी – रविंद्र उर्फ कुल्लू और अरुण ढेर कर दिए गए।
आरोपियों के पास से विदेशी हथियार – ग्लॉक और जिगाना पिस्टल समेत भारी मात्रा में कारतूस बरामद हुए हैं।
माना जा रहा है कि यह हमला आध्यात्मिक गुरुओं और धार्मिक आस्थाओं पर दिए गए कथित बयान का बदला लेने के लिए किया गया था।
हमला कैसे हुआ था?
12 सितंबर की रात करीब 3:30 बजे, दो हमलावर बाइक से पहुंचे और दिशा पटानी के घर पर 10–15 राउंड फायरिंग कर दी। परिवार ने तुरंत पुलिस को सूचना दी और तब से सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।
हमले के कुछ ही घंटों बाद सोशल मीडिया पर एक अकाउंट से पोस्ट कर इसकी जिम्मेदारी ली गई, जिसमें इसे “जवाबी कार्रवाई” बताया गया। हालांकि पोस्ट अगले दिन हटा दी गई और अकाउंट भी बंद कर दिया गया।
STF का एक्शन
खुफिया इनपुट के बाद STF और दिल्ली पुलिस ने गाजियाबाद में दोनों आरोपियों को घेरने की कोशिश की। लेकिन शूटरों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में दोनों गंभीर रूप से घायल हुए और बाद में अस्पताल में उनकी मौत हो गई।
ADG लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश ने बताया कि मौके से बरामद हथियारों की बॉलिस्टिक जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इन्हें कहां से सप्लाई किया गया था।
गैंग कनेक्शन का खुलासा
पुलिस की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है – शूटरों के तार गैंगस्टर गोल्डी बराड़ और रोहित गोडारा के गिरोहों से जुड़े पाए गए। शुरुआती जांच में सामने आया है कि हमला गैंग्स के नेटवर्क के जरिए प्लान और फंड किया गया था।
कुल मिलाकर, यह केस सिर्फ एक फिल्म स्टार के घर पर फायरिंग का मामला नहीं रहा, बल्कि अब यह गैंगवार और धार्मिक आस्था से जुड़े विवादों की कड़ी बन गया है। STF की इस कार्रवाई ने जहां आरोपियों का सफाया कर दिया है, वहीं अब पुलिस इस पूरी साजिश के पीछे छिपे मास्टरमाइंड तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।