पश्चिम बंगाल के बीरभूम ज़िले में बीते 20 दिनों से लापता 7वीं क्लास की छात्रा की लाश बोरे में बरामद हुई। शव को टुकड़ों में काटकर पानी में फेंका गया था। पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले में छात्रा के स्कूल टीचर मनोज कुमार पाल को गिरफ्तार किया है।
परिवार का आरोप है कि टीचर ने पहले बच्ची का अपहरण किया और फिर उसकी हत्या कर दी। पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी टीचर लंबे समय से छात्रा का यौन शोषण कर रहा था।
शुरुआती पूछताछ में आरोपी ने अपहरण, हत्या और शव फेंकने की बात स्वीकार कर ली है। हालांकि पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि हत्या से पहले छात्रा के साथ रेप हुआ या नहीं।
यह घटना 28 अगस्त से जुड़ी है, जब छात्रा ट्यूशन क्लास के लिए घर से निकली थी और फिर वापस नहीं लौटी। परिवार ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
वारदात के खिलाफ इलाके में गुस्सा भड़क गया। आदिवासी समुदाय के लोगों ने रामपुरहाट थाने के बाहर प्रदर्शन किया और पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया।
बंगाल में बढ़ते अपराधों की काली तस्वीर
केवल इसी महीने राज्य में रेप की तीन बड़ी घटनाएं सामने आईं –
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5 सितंबर: कोलकाता के रीजेंट पार्क में 20 साल की लड़की का जन्मदिन पर गैंगरेप।
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14 सितंबर: पूर्वी मिदनापुर के पंसकुरा अस्पताल में कॉन्ट्रैक्ट वर्कर से मैनेजर ने रेप किया।
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इससे पहले, पिछले साल आरजी कर हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर हुआ था, जो देशभर में सुर्खियों में रहा।
यह ताज़ा मामला न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाता है, बल्कि बच्चों की सुरक्षा और महिला अपराधों पर राज्य सरकार की संवेदनशीलता पर भी गंभीर बहस छेड़ता है।