भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से चले आ रहे टैरिफ विवाद में अब सकारात्मक खबर सामने आ रही है। भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी. अनंत नागेश्वरन ने उम्मीद जताई है कि 30 नवंबर के बाद अमेरिका द्वारा लगाए गए 25% पेनल्टी टैरिफ हट सकते हैं। इतना ही नहीं, भारत की ओर से लगाए गए 25% जवाबी टैरिफ को भी घटाकर 10-15% के बीच लाया जा सकता है।
नागेश्वरन ने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा—
“ये पक्की जानकारी नहीं है, लेकिन हाल के घटनाक्रम बताते हैं कि आने वाले दो महीनों में इस मसले पर समाधान निकल सकता है।”
अमेरिका-भारत वार्ता तेज
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हाल ही में भारत के चीफ ट्रेड नेगोशिएटर राजेश अग्रवाल और अमेरिकी ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव ब्रेंडन लिंच की मुलाकात हुई।
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16 सितंबर को पहली बार अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल भारत आया और दोनों देशों ने टैरिफ और ट्रेड डील पर गहन बातचीत शुरू की।
विवाद की जड़ क्या है?
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अमेरिका ने भारत पर 50% तक टैरिफ लगा दिया था।
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इसका कारण बताया गया— भारत का ज्यादा टैरिफ वसूलना और रूस से तेल की बड़ी मात्रा में खरीदारी करना।
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इसके जवाब में भारत ने भी 25% का काउंटर टैरिफ लगाया।
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इस टकराव से भारत का करीब 85,000 करोड़ रुपए का एक्सपोर्ट बुरी तरह प्रभावित हुआ और रिश्तों में खटास आ गई।
कूटनीतिक गर्माहट: ट्रम्प-मोदी की बयानबाजी
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10 सितंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा—
“मैं पीएम मोदी से जल्द ट्रेड बैरियर पर बात करूंगा। दोनों देशों के लिए बेहतर नतीजे की उम्मीद है।”
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इसके कुछ घंटे बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने जवाब दिया—
“भारत और अमेरिका नेचुरल पार्टनर हैं। हमारी टीमें मिलकर चर्चाओं को आगे बढ़ा रही हैं। हम दोनों देशों के लिए समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करेंगे।”
पृष्ठभूमि: रिश्तों में तल्खी
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5 सितंबर को SCO समिट के दौरान मोदी, पुतिन और जिनपिंग को साथ देखकर ट्रम्प ने नाराज़गी जताई थी।
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उन्होंने कहा था कि “अमेरिका ने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया है।”
भारत की चिंता
CEA नागेश्वरन ने ब्लूमबर्ग टीवी को बताया था कि अगर ये अतिरिक्त टैरिफ लंबे समय तक चलते रहे तो भारत की GDP पर 0.5-0.6% तक असर हो सकता है। और अगर ये अगले साल तक खिंचता है तो भारत के लिए “बड़ा खतरा” बन सकता है।
मुख्य बातें (Key Takeaways)
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अमेरिका भारत पर लगाया गया 25% पेनल्टी टैरिफ हटाने की तैयारी में।
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भारत का 25% जवाबी टैरिफ घटकर 10-15% रह सकता है।
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30 नवंबर तक समाधान निकलने की उम्मीद।
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विवाद से भारत का 85 हजार करोड़ का निर्यात प्रभावित।
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ट्रम्प और मोदी दोनों ने हाल में सकारात्मक बयान दिए।
कुल मिलाकर, आने वाले 8-10 हफ्ते भारत-अमेरिका आर्थिक रिश्तों के लिए बेहद अहम होंगे। अगर समझौता हो गया तो न सिर्फ टैरिफ संकट खत्म होगा, बल्कि दोनों देशों के व्यापारिक रिश्ते भी नई ऊँचाई पर पहुँच सकते हैं।