दुर्ग, 18 सितम्बर 2025/ शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय दुर्ग में आयोजित इनॉग्रेेशन ऑफ द जूलॉजिकल एसोसिएशन के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के तत्वाधान में विशेष विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस विशेष अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायालय दुर्ग की ओर से दो न्यायाधीशगण ने महाविद्यालय में उपस्थित होकर छात्र-छात्राओं को महत्वपूर्ण विधिक विषयों पर जानकारी प्रदान किया।
एक न्यायाधीश द्वारा छत्तीसगढ़ टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम के प्रावधानों पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि इस अधिनियम का उद्देश्य अंधविश्वास के नाम पर की जाने वाली सामाजिक कुरीतियों और प्रताड़ना को पूर्णरूप से समाप्त करना है। साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे समाज में व्याप्त इस प्रकार की कुप्रथाओं के विरुद्ध जागरूकता फैलाएँ तथा एक विकसित एवं एक कुप्रथा रहित समाज निर्माण किए जाने में अपना विशेष योगदान दें।
दूसरे न्यायाधीश द्वारा साइबर अपराध से संबंधित जानकारियाँ प्रदान की गईं। उन्होंने विद्यार्थियों को साइबर अपराध के विभिन्न स्वरूपों जैसे ऑनलाइन धोखाधड़ी, साइबर बुलिंग, फिशिंग आदि के विषय में विस्तृत जानकारी प्रदान की और उपरोक्त साइबर अपराध से सतर्क रहने के लिए व्यावहारिक उपायों के विषय में विस्तार से बताया। कार्यक्रम में उपस्थित छात्र-छात्राओं ने उक्त संबंध में विधिक प्रश्न पूछकर सक्रिय भागीदारी निभाई तथा न्यायाधीशगणों ने विधिक प्रावधानों की गहन जानकारी प्रदान कर छात्र-छात्राओं की जिज्ञासाओं का संतोषपूर्ण समाधान किया।
इस अवसर पर शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग के प्रभारी प्राचार्य डॉ. एस.एन. झा, वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. ए.के. खान, विभागाध्यक्ष डॉ. दिव्या कुमुदिनी मिंज, अध्यापकगण डॉ. उषा साहू, डॉ. नीरू अग्रवाल, मौसमी डे, डॉ. संजु सिन्हा, डॉ. अलका मिश्रा, सुदेश साहू, अनुराग मिश्रा एवं गोपाल राम उपस्थित रहे।