Vodafone Idea शेयर 12% चढ़ा: AGR केस में SC ने सुनवाई टाली, सरकार ने मांगा समय

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शुक्रवार (19 सितंबर) को वोडाफोन आइडिया के शेयर में 12% तक की तेजी देखने को मिली। वजह यह रही कि सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी की AGR बकाया मामले पर दायर याचिका की सुनवाई टाल दी और केंद्र सरकार ने इस पर जवाब देने के लिए अतिरिक्त समय मांगा। खबर के बाद कंपनी का शेयर 7% ऊपर जाकर 8.38 रुपये पर ट्रेड करता दिखा।

एक महीने में 27% रिटर्न

पिछले एक महीने में वोडाफोन आइडिया के शेयर में 27% की तेजी आई है। वहीं 6 महीने में 13% की बढ़त दर्ज हुई। हालांकि, पिछले एक साल में इसमें 19% की गिरावट भी रही। फिलहाल कंपनी का मार्केट कैप 90.57 हजार करोड़ रुपये है।

सरकार भी हिस्सेदार

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा कि सरकार वोडाफोन आइडिया में 48.99% हिस्सेदारी रखती है। ऐसे में कोई ऐसा हल निकालना जरूरी है, जिससे ग्राहकों के हितों की सुरक्षा भी हो। मेहता ने कोर्ट से सुनवाई की अगली तारीख 26 सितंबर तय करने का अनुरोध किया।

AGR विवाद क्या है?

यह पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट के 18 मार्च 2020 के फैसले से जुड़ा है। उस आदेश में DoT (टेलीकॉम विभाग) ने FY17 तक के AGR बकाए को सही ठहराया था और कहा था कि आगे कोई री-असेसमेंट नहीं होगा। बावजूद इसके DoT ने FY18 और FY19 के लिए 9,450 करोड़ रुपये की नई मांग उठाई।

वोडाफोन आइडिया का दावा है कि इसमें से 5,606 करोड़ रुपये उन्हीं सालों से जुड़े हैं, जो पहले ही 2020 के आदेश में तय हो चुके हैं। कंपनी ने इसे गलत कैलकुलेशन बताते हुए सुप्रीम कोर्ट से मांग को खारिज करने की अपील की है।

कितना बकाया है कंपनी पर?

कंपनी पर पहले से ही 83,400 करोड़ रुपये का AGR बकाया है, जिसकी किस्तें उसे मार्च से हर साल 18,000 करोड़ रुपये चुकानी हैं। ब्याज और पेनल्टी मिलाकर यह आंकड़ा करीब 2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।

नई मांग में से 2,774 करोड़ रुपये आइडिया ग्रुप और वोडाफोन आइडिया (मर्जर के बाद) पर हैं, जबकि 6,675 करोड़ रुपये वोडाफोन ग्रुप (मर्जर से पहले) से जुड़े हैं।

कंपनी की दलील

वोडाफोन आइडिया का कहना है कि वह 58,254 करोड़ रुपये के बकाए पर ब्याज से ज्यादा किसी भी अतिरिक्त जिम्मेदारी को स्वीकार नहीं करती। कंपनी ने चेतावनी दी कि 9,450 करोड़ रुपये की नई मांग उसके अस्तित्व के लिए संकट बन सकती है। इसका असर सीधे तौर पर 19.8 करोड़ ग्राहकों और 18,000 कर्मचारियों पर पड़ेगा।

आगे क्या होगा?

अब इस मामले की सुनवाई 26 सितंबर को होगी। सरकार और कंपनी दोनों उम्मीद कर रहे हैं कि ऐसा समाधान निकलेगा जिससे कंपनी को राहत मिले और उपभोक्ताओं पर कोई नकारात्मक असर न पड़े।

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