अगर आप फोनपे, पेटीएम, क्रेड या अमेज़न पे जैसे मोबाइल एप्स से किराया चुकाते हैं, तो अब ऐसा संभव नहीं रहेगा। रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने भुगतान सेवाओं पर नए नियम लागू किए हैं, जिसके तहत फिनटेक प्लेटफॉर्म्स ने अपने एप्स पर क्रेडिट कार्ड से रेंट पेमेंट सेवा बंद कर दी है।
RBI ने क्या बदलाव किए?
RBI ने एक नया सर्कुलर जारी किया है, जिसके मुताबिक पेमेंट एग्रीगेटर्स और गेटवे अब केवल उन्हीं व्यापारियों के साथ लेन-देन कर सकते हैं जिनकी पूरी KYC पूरी हो। मकान मालिक आम तौर पर रजिस्टर्ड मर्चेंट नहीं होते, इसलिए अब उनके खातों में क्रेडिट कार्ड से भुगतान नहीं भेजा जा सकेगा।
क्यों रोकी गई क्रेडिट कार्ड से रेंट पेमेंट?
पहले लोग बिना पूरी KYC के किराया क्रेडिट कार्ड से दोस्तों या रिश्तेदारों के खाते में ट्रांसफर कर देते थे। एप्स तुरंत पेमेंट कर देती थीं और रिवॉर्ड पॉइंट या कैशबैक मिलता था। लेकिन RBI को यह तरीका सही नहीं लगा, इसलिए अब यह सुविधा बंद कर दी गई है।
पहले से ही सख्ती जारी थी
जून 2024 में HDFC बैंक ने क्रेडिट कार्ड से किराया पर 1% अतिरिक्त शुल्क लगाया था। ICICI और SBI कार्ड्स ने इस तरह के भुगतानों पर रिवॉर्ड पॉइंट्स देना बंद कर दिया था। SBI कार्ड्स ने 2023 में बताया कि उनके रिटेल खर्च का बड़ा हिस्सा किराया भुगतान से आता था, जिसकी औसत राशि ₹20,000–₹21,000 थी।
कौन-कौन से प्लेटफॉर्म्स ने सुविधा बंद की?
मार्च 2024 में फोनपे, पेटीएम, मोबिक्विक, फ्रीचार्ज और अमेज़न पे ने क्रेडिट कार्ड से किराया भुगतान की सुविधा बंद कर दी थी। RBI के नए नियमों के बाद सितंबर 2025 में बाकी सभी प्लेटफॉर्म्स ने भी यह सुविधा हटा दी।
इसका असर किस पर होगा?
किरायेदार अब फिनटेक एप्स पर क्रेडिट कार्ड से भुगतान नहीं कर सकेंगे। रिवॉर्ड पॉइंट्स, कैशबैक या बिना ब्याज की अवधि का लाभ नहीं मिलेगा। बैंकों की फीस और EPS पर भी असर पड़ सकता है। फिनटेक कंपनियों को अब नए ऑफर और बिजनेस मॉडल तलाशने होंगे।
किरायेदारों के विकल्प
अब किरायेदारों को UPI, NEFT, RTGS, IMPS, चेक या ऑटोमैटिक पेमेंट के जरिए ही किराया चुकाना होगा। क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधा अब उपलब्ध नहीं रहेगी।