हरियाणा के बाद अब पंजाब कांग्रेस में अंतर कलह देखने को मिल रही है। पंजाब के पूर्व पार्टी अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू से उनकी ही पार्टी के कई नेता नाराज हैं। वो सिद्धू के खिलाफ जमकर बयानबाजी कर रहे हैं।
पंजाब के पूर्व पीसीसी प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने बठिंडा जिले में ‘जितेगा पंजाब’ रैली की थी। सिद्धू की इस रैली के बाद कांग्रेस में एक बार फिर से अंदरूनी कलह सामने आ गई है। इस रैली करने के दो दिन बाद कांग्रेस में उनके खिलाफ बयानबाजी शुरू हो गई है। कई नेताओं ने अनुशासनहीनता और आत्म-प्रशंसा के लिए उन्हें पार्टी से निष्कासित करने की मांग की। रैली में सिद्धू ने पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी समेत पार्टी के अपने सहयोगियों पर कटाक्ष किया था। कांग्रेस नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि सिद्धू की हरकतों से अक्सर पार्टी को नुकसान हुआ और पिछले विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ा।
पंजाब कांग्रेस में गुटबाजी
पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा ने नवजोत सिंह सिद्धू की बठिंडा में 17 दिसंबर को हुई रैली का जिक्र करते हुए उन्हें अपना खुद का मंच स्थापित करने के बजाय पार्टी के कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए कहा। हालांकि पूर्व क्रिकेटर सिद्धू ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। बठिंडा में सिद्धू की रैली करने के कुछ दिन बाद पंजाब कांग्रेस में गुटबाजी देखी गई। राज्य इकाई का कोई भी वरिष्ठ नेता 17 दिसंबर की रैली का हिस्सा नहीं था। इस रैली में सिद्धू ने 2022 के चुनाव से पहले किए गए वादों को पूरा करने में कथित रूप से विफल होने के लिए ‘आप’ सरकार पर निशाना साधा था।
‘कांग्रेस ने जो सम्मान दिया, उसे पचा लीजिए’
बाजवा ने सिद्धू की रैली के संबंध में पत्रकारों के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मैं सिद्धू साहब से बस यही अनुरोध करता हूं कि उन्हें थोड़ी परिपक्वता से काम लेना चाहिए। अगर कांग्रेस पार्टी ने आपको सम्मान दिया है, तो इसे पचा लीजिए। ऐसी हरकत मत कीजिए। जब आप पीपीसीसी अध्यक्ष थे, तो आपने देखा कि आप (कांग्रेस) को 78 (2017 में सीटें) से 18 (2022 में सीटें) पर ले आए। अब वह और क्या चाहते हैं, उनसे पूछें।