सुप्रीम कोर्ट आज दिल्ली में पटाखों पर बैन के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगी। पिछली सुनवाई 12 सितंबर 2025 को हुई थी।
इस दौरान चीफ जस्टिस बी.आर. गवई ने कहा कि अगर दिल्ली-NCR के नागरिकों को साफ हवा का अधिकार है, तो पूरे देश के लोगों को भी यही हक क्यों नहीं मिलना चाहिए।
कोर्ट की टिप्पणी
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CJI बी.आर. गवई और जस्टिस विनोद चंद्रन की बेंच ने कहा कि अगर पटाखों पर प्रतिबंध लगाना है, तो यह नीति पूरे देश में लागू होनी चाहिए।
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कोर्ट ने स्पष्ट किया कि साफ हवा का अधिकार सिर्फ दिल्ली-NCR तक सीमित नहीं रह सकता, बल्कि सभी भारतीय नागरिकों को यह अधिकार मिलना चाहिए।
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पर्यावरण संबंधी नीतियां संपूर्ण भारत में समान रूप से लागू होनी चाहिए, केवल दिल्ली के लिए नहीं।
मामला क्या है?
इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट के 3 अप्रैल 2025 के आदेश को चुनौती दी गई है। उस आदेश में दिल्ली-NCR में पटाखों की बिक्री, स्टोरेज, परिवहन और निर्माण पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया था। याचिकाकर्ता चाहते हैं कि इस प्रतिबंध को संशोधित किया जाए।
पिछली सुनवाई (12 सितंबर) के दौरान मुख्य बातें
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कोर्ट ने CAQM को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा।
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सीनियर एडवोकेट अपराजिता सिंह ने कहा कि कुलीन वर्ग प्रदूषण से बचने के लिए दिल्ली छोड़ जाते हैं।
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कोर्ट ने केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा कि प्रदूषण पर CAQM से विस्तृत रिपोर्ट लें।
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NEERI की जांच चल रही है कि ग्रीन पटाखों से प्रदूषण कम हो सकता है या नहीं।
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पटाखा कंपनियों के वकील ने सुझाव दिया कि NEERI यह बताए कि पटाखों में कौन-कौन से केमिकल कितनी मात्रा में इस्तेमाल किए जा सकते हैं।
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वरिष्ठ वकील के. परमेश्वर ने चिंता जताई कि पटाखों पर बैन के साथ अधिकारियों ने मौजूदा लाइसेंस रद्द करना भी शुरू कर दिया है।
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कोर्ट ने कहा कि फिलहाल लाइसेंस रद्द करने की स्थिति वैसी ही बनी रहेगी।
दिल्ली में GRAP-1 लागू
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14 अक्टूबर 2025 को AQI 200 पार होने पर GRAP-1 लागू किया गया।
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इसमें होटल और रेस्तरां में कोयला/जलाऊ लकड़ी का प्रयोग बैन, पुराने पेट्रोल/डीजल वाहनों पर निगरानी, और सड़कों/प्रोजेक्ट्स में एंटी-स्मॉग गन, पानी का छिड़काव और डस्ट रेपेलेंट तकनीक का आदेश शामिल है।
AQI का खतरा
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AQI (Air Quality Index) प्रदूषण का थर्मामीटर है। यह हवा में CO, OZONE, NO2, PM2.5 और PM10 की मात्रा मापता है।
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AQI जितना ज्यादा होगा, हवा उतनी ही खतरनाक।
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राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और यूपी के कई शहरों में AQI 300 के ऊपर, जो गंभीर स्वास्थ्य जोखिम का संकेत है।