छत्तीसगढ़ में शांति प्रस्ताव भेजने वाले नक्सली नेता की जान को खतरा, संगठन ने कहा – गद्दार

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छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में माओवादियों के संगठन में पोलित ब्यूरो मेंबर भूपति उर्फ सोनू ने हाल ही में शांति वार्ता की पहल करते हुए पत्र जारी किया था। लेकिन अब संगठन की केंद्रीय कमिटी ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है और इसे भूपति की व्यक्तिगत राय करार देते हुए संगठन से बर्खास्त करने की मांग की है।


केंद्रीय कमिटी की प्रतिक्रिया

नारायणपुर मुठभेड़ में मारे गए नक्सली प्रवक्ता विकल्प और अभय द्वारा जारी संयुक्त पत्र में कहा गया कि भूपति का शांति वार्ता का प्रस्ताव संगठन का निर्णय नहीं, बल्कि उनकी व्यक्तिगत राय है। साथ ही, संगठन ने भूपति को संगठन से अलग करने की बात कही है।


हथियारों को दुश्मनों के हाथ में न सौंपने की चेतावनी

नक्सली नेताओं ने स्पष्ट किया कि भूपति अगर समर्पण करना चाहता है, तो कर सकता है, लेकिन संगठन के हथियार दुश्मनों के हाथ में नहीं जा सकते। अगर वह और उनके साथियों द्वारा हथियार सही तरीके से संगठन को वापस नहीं लौटाए गए, तो PLGA (पीपुल्स लिबरेशन गोरिल्ला आर्मी) को उनके हथियार जब्त करने का आदेश दिया जाएगा। इस दौरान संगठन ने भूपति को गद्दार भी करार दिया।


नक्सली संगठन में दो धड़े और खतरा

बस्तर आईजी पी. सुंदरराज ने मंगलवार को नारायणपुर में प्रेस वार्ता में बताया कि शांति वार्ता को लेकर नक्सली संगठन में दो धड़े बन गए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि सोनू और भूपति की जान को अब खतरा है, क्योंकि संगठन के वार्ता विरोधी खेमे से उनकी हत्या की संभावनाएं बनी हुई हैं।

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