भारतीय सिनेमा की सबसे यादगार फिल्म ‘शोले’ अब फिर से इतिहास रचने जा रही है। इस बार दर्शक इसे उसके असली क्लाइमैक्स के साथ देख पाएंगे। यह फिल्म ऑस्ट्रेलिया में होने वाले इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ सिडनी (IFFS) में दिखाई जाएगी।
क्या है खास क्लाइमैक्स में?
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अब तक दर्शकों ने फिल्म का वह वर्ज़न देखा है जिसमें गब्बर सिंह (अमजद खान) को पुलिस गिरफ्तार कर लेती है।
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लेकिन असल में निर्देशक रमेश सिप्पी ने फिल्म का मूल क्लाइमैक्स अलग शूट किया था। उसमें ठाकुर (संजीव कुमार) अपने हाथों से गब्बर को खत्म कर देते हैं।
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यह क्लाइमैक्स उस वक्त सेंसरशिप और डिस्ट्रीब्यूटर्स के दबाव के चलते बदल दिया गया था।
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अब पूरे 50 साल बाद दर्शकों को वही ऐतिहासिक क्लाइमैक्स देखने को मिलेगा।
कैसे हुआ री-स्टोर?
‘शोले’ के ओरिजिनल वर्ज़न को 4K टेक्नोलॉजी में री-स्टोर किया गया है।
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इसके लिए फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन और रमेश सिप्पी फिल्म्स ने मिलकर काम किया।
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लंदन से ओरिजिनल कलर प्रिंट्स मंगाए गए।
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पुराने नेगेटिव्स और डिलीटेड सीन को सालों की मेहनत के बाद खोज निकाला गया।
कब और कहां दिखेगी?
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इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ सिडनी 9 से 11 अक्टूबर तक होगा।
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इसी फेस्टिवल में ‘शोले’ का स्पेशल स्क्रीनिंग सेशन रखा गया है।
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यहां दर्शक पहली बार बड़े पर्दे पर फिल्म का ओरिजिनल क्लाइमैक्स देख पाएंगे।
क्यों बनी ‘शोले’ लीजेंड?
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1975 में रिलीज हुई ‘शोले’ ने बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्डतोड़ सफलता हासिल की।
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फिल्म के डायलॉग, गाने, और किरदार आज भी दर्शकों की जुबान पर हैं।
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अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, हेमा मालिनी, जया बच्चन, संजीव कुमार और अमजद खान की एक्टिंग ने इसे भारतीय सिनेमा की सबसे बड़ी कल्ट फिल्म बना दिया।