भोपाल में आयोजित Urban Transformation Summit 2025 में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शहरीकरण को प्रदेश की प्राथमिकता बताया। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य हर नागरिक का जीवन आसान, आधुनिक और सुविधाओं से भरपूर बनाना है।
हर शहर की पहचान के अनुसार विकास
सीएम मोहन यादव ने बताया कि प्रदेश के शहरों का विकास उनकी विशेष पहचान और जरूरतों के अनुसार किया जा रहा है। ग्रीन और क्लीन सिटीज़ की दिशा में तेजी से काम चल रहा है, साथ ही शहरों की विरासत और धरोहरों को सुरक्षित रखा जाएगा।
भोपाल-इंदौर मेट्रो और फ्लाईओवर
भोपाल में मेट्रो ट्रेन का काम प्रगति पर है और अक्टूबर 2025 तक पहला कॉरिडोर चालू होने की उम्मीद है। इंदौर में मेट्रो सेवा पहले ही शुरू हो चुकी है। आने वाले समय में बड़े फ्लाईओवर और मेट्रो के माध्यम से पब्लिक ट्रांसपोर्ट और आधुनिक व सुविधाजनक बनाया जाएगा।
10 लाख नए घरों का लक्ष्य
अफॉर्डेबल हाउसिंग योजना के तहत अब तक 8.56 लाख घर बनाए जा चुके हैं, जिनमें से 82% महिलाओं के नाम पर हैं। सरकार ने 10 लाख नए घर बनाने का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए लगभग 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
अमृत योजना 2.0 और जल-सीवरेज प्रोजेक्ट
सभी नगरीय निकायों को अमृत योजना 2.0 में शामिल किया गया है। जल आपूर्ति की 297 परियोजनाओं में से 224 पर काम शुरू हो चुका है। सीवरेज की 36 परियोजनाओं पर भी तेजी से कार्य चल रहा है, जिससे लगभग 60% शहरी आबादी को लाभ मिलेगा।
नया फायर और इमरजेंसी सर्विस एक्ट
सरकार ने मध्यप्रदेश अग्नि एवं आपातकालीन सेवा अधिनियम, 2025 लागू किया है। यह अधिनियम शहरी सुरक्षा, प्रशिक्षण और आपात प्रबंधन को मज़बूत बनाएगा, जिससे औद्योगिकीकरण और शहरीकरण दोनों के बीच संतुलन बनेगा।
EV पॉलिसी से आधुनिक परिवहन
प्रदेश में नई EV पॉलिसी लागू की गई है। इसके तहत इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का उपयोग बढ़ाने, चार्जिंग स्टेशन विकसित करने, मैन्युफैक्चरिंग और स्किल डेवलपमेंट को प्रोत्साहन मिलेगा।
विकसित मध्यप्रदेश-2047 का सपना
सीएम ने बताया कि 2 ट्रिलियन इकोनॉमी के लक्ष्य में शहरी विकास की अहम भूमिका होगी। स्मार्ट सिटीज़, डिजिटल सु-शासन और ईज ऑफ़ लिविंग के माध्यम से भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन और ग्वालियर जैसे शहर देश के उत्कृष्ट शहरों की सूची में शामिल होंगे।