लद्दाख हिंसा: सोनम वांगचुक की NGOs पर CBI की कार्रवाई, विदेशी फंडिंग रोकी गई; लेह में कर्फ्यू और स्कूल-कॉलेज बंद

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लद्दाख की राजधानी लेह में 24 सितंबर को हुई हिंसा के बाद हालात लगातार बदल रहे हैं। लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने कहा कि हिंसा में घायल कुछ युवक नेपाल और जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने विदेशी साजिश की संभावना भी जताई।

विदेशी तत्वों की जांच शुरू
लेह पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, हिंसा में 7 नेपाली नागरिक और कुछ कश्मीरी युवकों की संलिप्ता मिली है। पुलिस यह पता लगाने में लगी है कि ये लोग कहीं विदेशी एजेंटों के इशारे पर तो अशांति फैलाने नहीं आए थे।

सोनम वांगचुक पर केंद्र का शिकंजा
पर्यावरणविद और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की संस्था SECMOL (Students’ Educational and Cultural Movement of Ladakh) का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। इसके अलावा उनकी दूसरी संस्था HIAL (Himalayan Institute of Alternatives, Ladakh) के खिलाफ भी जांच शुरू कर दी गई है। गृह मंत्रालय का आरोप है कि इन संस्थाओं ने विदेशी फंडिंग के नियमों का उल्लंघन किया और अनधिकृत तरीके से चंदा प्राप्त कर उसका गलत इस्तेमाल किया।

वांगचुक का बयान
सोनम वांगचुक ने सरकार पर ध्यान भटकाने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है, ताकि लद्दाख की छठी अनुसूची और पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग कमजोर हो जाए। उन्होंने कहा कि CBI को 2022-2024 के अकाउंट्स की जांच करनी थी, लेकिन 2020 और 2021 के रिकॉर्ड भी मांगे जा रहे हैं।

हिंसा की शुरुआत और असर
24 सितंबर को लद्दाख बंद के दौरान हिंसा भड़क गई, जिसमें 4 युवकों की मौत और 80 लोग घायल हुए, जिनमें 40 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। प्रदर्शनकारियों ने कई सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया और भाजपा कार्यालय तथा लेह हिल काउंसिल की बिल्डिंग पर हमला किया। लेह में लगातार तीसरे दिन कर्फ्यू लागू है और स्कूल-कॉलेज बंद हैं। अब तक 60 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

सोशल मीडिया का रोल
हिंसा की शुरुआत 23 सितंबर की रात सोशल मीडिया पर लद्दाख बंद के आह्वान के बाद हुई। प्रदर्शनकारियों ने लेह हिल काउंसिल के घेराव की कोशिश की। पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर रोका तो झड़प हुई और भीड़ ने पुलिस वाहनों में आग लगाई, साथ ही पथराव किया।

CBI जांच का दायरा बढ़ा
CBI अब वांगचुक की संस्थाओं के पुराने अकाउंट्स की भी जांच कर रही है। आयकर विभाग ने नोटिस जारी किया है और उनके खिलाफ चार साल पहले हुई शिकायत को फिर से सक्रिय किया गया है।

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