सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा संचालित सेक्टर-9 स्थित जवाहरलाल नेहरु चिकित्सालय एवं अनुसन्धान केंद्र, प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत “निक्षय मित्र” के रूप में पंजीकृत है। माननीय प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत, 2025 तक क्षय रोग को समाप्त करने के लिए कार्यक्रम में सक्रिय योगदान देने हेतु एक स्पष्ट आह्वान किया था, जिसके परिणामस्वरूप आज संयंत्र का मुख्य चिकित्सालय भी इस अभियान का हिस्सा है।
इस कार्यक्रम की पहल 24 मार्च, 2023 को सीएसआर विभाग के सहयोग से जवाहरलाल नेहरु चिकित्सालय एवं अनुसन्धान केंद्र में लॉन्च किया गया था। इस कार्यक्रम के तहत, वाहरलाल नेहरु चिकित्सालय एवं अनुसन्धान केंद्र DOTS (डॉट्स) सेंटर में पंजीकृत टीबी रोगियों को गोद लिया जाना है और उन्हें श्वसन विभाग द्वारा उनके नैदानिक मूल्यांकन और फॉलो अप के साथ-साथ अस्पताल के आहार अनुभाग से आहार पर सलाह और मार्गदर्शन के साथ-साथ मुफ्त पोषण, निर्धारित समयावधि पर लैब टेस्ट और रेडियोलॉजिकल मूल्यांकन संबंधी सहायता प्रदान करना है। तपेदिक और सरकार द्वारा तपेदिक को खत्म करने की योजनाओं के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
जवाहरलाल नेहरु चिकित्सालय एवं अनुसन्धान केंद्र के श्वसन विभाग एवं डायटेटिक्स विभाग साथ मिलकर प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत निक्षय मित्र योजना की प्रगति की समीक्षा के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवांए) डॉ एम रविन्द्रनाथ ने की। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवांए) डॉ प्रमोद बिनायके, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवांए) डॉ विनीता द्विवेदी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवांए) डॉ के ठाकुर सहित एसीएमओ डॉ जीवन लाल, महाप्रबंधक (एम एंड एचएस) श्री शाहिद अहमद, महाप्रबंधक (एम एंड एचएस) श्री बलवीर सिंह और महाप्रबंधक (सीएसआर) श्री शिवराजन विशेष रूप से उपस्थित थे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, संयंत्र के कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) श्री पवन कुमार थे। बीएसपी के चिकित्सा एवं सीएसआर विभाग द्वारा इस पहल में निभाई गई भूमिका की प्रगति के संबंध में प्रस्तुति दी गई। साक्ष्य आधारित डेटा और टीबी के प्रबंधन में पोषण की भूमिका पर एचओडी (श्वसन चिकित्सा) डॉ त्रिनाथ दास द्वारा प्रस्तुति दी गई। (एम ओ) डॉ. विधान सरकार ने पिछले छह महीनों के डेटा और पोषण आहार के परिणामों को साझा किया। डायटेटिक्स विभाग से सुश्री बिजी पिल्लई ने बीएसपी द्वारा प्रदान किए गए पोषण संबंधी समर्थन और सहयोग पर प्रस्तुति दी, साथ ही इस कार्यक्रम के लिए अस्पताल के डायटेटिक अनुभाग द्वारा प्रदान की गई सेवाओं पर भी प्रकाश डाला गया। एसीएमओ (बाल रोग) डॉ एन एस ठाकुर ने, टीबी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए जेएलएनएच एंड आरसी और सीएसआर विभाग द्वारा किए गए सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी। राज्य सरकार के अधिकारियों, स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों और डॉट्स टीम द्वारा प्रदान समर्थन हेतु आभार व्यक्त किया गया।
इस दौरान बीएसपी द्वारा उपलब्ध कराए गए राशन सामग्री से बनाए जा सकने वाले विभिन्न पारंपरिक स्वास्थ्यवर्धक पौष्टिक व्यंजनों को प्रदर्शित करने हेतु एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई। टीबी के इलाज में पोषण की भूमिका को उजागर करने के लिए शिक्षाप्रद पोस्टर भी प्रदर्शित किए गए। कार्यक्रम में लाभार्थियों मरीज़ों ने भी अपने अनुभव साझा किए और उनके समर्थन व सहयोग के लिए डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ ,पैरामेडिकल स्टाफ और बीएसपी को धन्यवाद दिया।
श्री पवन कुमार ने सभी को संबोधित करते हुए तपेदिक को खत्म करने के इस अभियान में चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा टीम के उत्साह और प्रयासों की सराहना की और कार्यक्रम के लिए निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने सीएसआर गतिविधि के तहत कार्यक्रम शुरू करने के लिए सीएसआर विभाग की भी सराहना की। इस कार्यक्रम के तहत अब तक 192 रोगियों को लाभ हुआ है, जिनके उत्कृष्ट परिणाम सामने आए हैं, जिनमें वजन बढ़ना, फेफड़ों के घाव का शीघ्र एक्स-रे क्लीयरेंस, रक्त मापदंडों में महत्वपूर्ण सुधार शामिल है। बहुत से रोगी इसके नियमित पालन से स्वस्थ हुए हैं।
कार्यक्रम का संचालन सुश्री पारोमिता दासगुप्ता ने किया और सुश्री सुरजा जया प्रसाद ने धन्यवाद ज्ञापित किया।