अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को माइक्रोसॉफ्ट पर सीधा दबाव बनाते हुए कंपनी की ग्लोबल अफेयर्स प्रेसिडेंट लिसा मोनाको को तत्काल बर्खास्त करने की मांग कर डाली। ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर पोस्ट करते हुए मोनाको को भ्रष्ट, पूरी तरह ट्रम्प विरोधी और नेशनल सिक्योरिटी के लिए खतरा बताया।
ट्रम्प का आरोप है कि मोनाको की पूर्व सरकारी भूमिकाओं और गतिविधियों ने अमेरिका की सुरक्षा को नुकसान पहुंचाया है। उनका कहना है कि जब माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनी के पास अमेरिकी सरकार के साथ अरबों डॉलर के कॉन्ट्रैक्ट हैं, तो मोनाको जैसे विवादित व्यक्ति का वहां बने रहना गंभीर खतरा है।
ट्रम्प का बड़ा दावा
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मोनाको से अमेरिकी सरकार ने हाल ही में उनकी सभी सिक्योरिटी क्लियरेंस वापस ले लीं।
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उन्हें गुप्त राष्ट्रीय सुरक्षा सूचनाओं तक पहुंच से रोक दिया गया।
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सभी फेडरल प्रॉपर्टी में उनके प्रवेश पर बैन लगाया गया।
ट्रम्प का कहना है, “मेरे हिसाब से माइक्रोसॉफ्ट को उन्हें तुरंत नौकरी से निकाल देना चाहिए।”
कौन हैं लिसा मोनाको?
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जुलाई 2025 में माइक्रोसॉफ्ट से जुड़ीं।
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ग्लोबल गवर्नमेंट रिलेशंस की प्रमुख।
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बराक ओबामा प्रशासन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार।
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बाइडन सरकार में डिप्टी अटॉर्नी जनरल और 6 जनवरी कैपिटल हमले की जांच में अहम भूमिका।
ट्रम्प का मानना है कि बाइडन प्रशासन के दौरान मोनाको ने उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाइयों को आगे बढ़ाया था, इसलिए उन्हें इतने संवेदनशील पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
ट्रम्प बनाम विरोधी – लंबा सिलसिला
यह पहली बार नहीं है जब ट्रम्प ने विरोधियों को निशाने पर लिया हो। इससे पहले भी वह जॉन बोल्टन, एडम शिफ जैसे नामों पर कार्रवाई की मांग कर चुके हैं। कॉरपोरेट सेक्टर में भी वह इंटेल के CEO और डिज्नी के शो पर दबाव बना चुके हैं।
माइक्रोसॉफ्ट और अमेरिकी सरकार का रिश्ता
माइक्रोसॉफ्ट का अमेरिकी सरकार के साथ गहरा जुड़ाव है। कंपनी के पास कई बड़े कॉन्ट्रैक्ट्स हैं और CEO सत्या नडेला भी ट्रम्प और अन्य टेक लीडर्स के साथ व्हाइट हाउस मीटिंग्स में हिस्सा ले चुके हैं। ऐसे में ट्रम्प का यह नया हमला कॉरपोरेट और राजनीति के बीच बढ़ते टकराव को और उजागर करता है।