RBI का नया नियम:
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अपने नए निर्देश में कहा है कि बैंकों को मृतक ग्राहक के बैंक अकाउंट या लॉकर क्लेम को 15 दिनों में सेटल करना होगा। यदि इसमें देरी होती है, तो नॉमिनी को मुआवजा देना पड़ेगा। नया नियम सभी कॉमर्शियल और कोऑपरेटिव बैंकों पर लागू होगा और इसका उद्देश्य क्लेम प्रोसेस को आसान और तेज़ बनाना है।
RBI के नए नियम से जुड़े सवाल-जवाब
1. RBI ने मृतक ग्राहकों के क्लेम के लिए क्या नियम बनाया?
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मृतक ग्राहक के बैंक खाते या लॉकर क्लेम को 15 दिन में सेटल करना होगा।
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देरी होने पर नॉमिनी को मुआवजा दिया जाएगा।
2. इन नियमों का उद्देश्य क्या है?
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बैंकों में अलग-अलग सेटलमेंट प्रोसेस को एकसमान बनाना।
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जरूरी दस्तावेजों को स्टैंडर्ड करके कस्टमर सर्विस को आसान और बेहतर बनाना।
3. ये नियम कहां लागू होंगे और कहां नहीं?
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लागू होंगे: देश के सभी कॉमर्शियल और कोऑपरेटिव बैंक, मृतक के खाते, लॉकर और सेफ कस्टडी पर।
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लागू नहीं होंगे: सरकारी बचत योजनाओं जैसे SCSS, PPF आदि पर।
4. खाते में नॉमिनी या सर्वाइवर क्लॉज है तो क्लेम मिलेगा?
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हां, बैंक की जिम्मेदारी होगी कि मृतक के खाते की राशि नॉमिनी या सर्वाइवर को दें।
5. नॉमिनी या सर्वाइवर क्लॉज नहीं होने पर क्या होगा?
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अगर क्लेम राशि थ्रेशोल्ड लिमिट से कम है: आसान प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
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थ्रेशोल्ड लिमिट: कोऑपरेटिव बैंक – 5 लाख, अन्य बैंकों – 15 लाख।
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इससे ज्यादा राशि पर बैंक सक्सेशन सर्टिफिकेट या लीगल हेयर सर्टिफिकेट मांग सकता है।
6. लॉकर या सेफ कस्टडी के क्लेम का नियम:
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जरूरी दस्तावेज मिलने के बाद बैंक को 15 दिन में क्लेम प्रोसेस करना होगा।
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लॉकर/सेफ कस्टडी की इन्वेंट्री की तारीख क्लेम करने वाले से तय की जाएगी।
7. क्लेम सेटलमेंट में देरी होने पर:
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बैंक खाते का क्लेम: 15 दिन में निपटाने में देरी पर बैंक रेट + 4% सालाना ब्याज देना होगा।
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लॉकर/सेफ कस्टडी क्लेम: देरी होने पर हर दिन 5,000 रुपए मुआवजा देना होगा।
8. आम लोगों को क्या फायदा होगा?
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क्लेम का सेटलमेंट तेज और आसान होगा।
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देरी पर मुआवजा मिलने से बैंक समय पर कार्रवाई करेंगे।
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ग्राहकों को बेहतर और पारदर्शी सेवा मिलेगी।